उदयपुर। धर्म में वो शक्ति है जो समस्त विश्व के शत्रुओं को परास्त कर सकती है। जिस प्रकार महात्मा गांधी ने अहिंसा और सत्य इन दो सूत्रज्ञें के बलबूते पर देश को ब्रिटिश साम्राज्य से मुक्त करवाया, उसी प्रकार आज भी यदि इन दो सूत्रों का अनुपालन किया जाए तो विश्व में शान्ति अवश्यम्भावी है।
उक्त विचार सेक्टर 11 स्थित आदिनाथ भवन में चातुर्मास के अवसर पर आयोजित प्रात:कालीन धर्मसभा में अध्यात्म योगी आचार्य सुकुमालनन्दी महाराज ने व्यक्त किये। आचार्यश्रभ् ने कहा कि आस्तिक ओर धार्मिक व्यक्ति कभी निराशावादी नहीं हो सकता है और वह सदा सुखी ही रहता है। यह भी तयि है कि उसकी कभी हार नहीं हो सकती। इसलिए आस्तिकता के साथ धार्मिकता और इनके साथ धैर्यता भी मनुष्य में आ जाए तो व्यक्ति की सारी समस्याएं से ही मुक्त हो जाएगा।
श्रावक संस्कार का तीसरा दिन-सेक्टर 11 स्थित आदिनाथ भवन में चल रहे श्रावक संस्कार शिविर के तीसरे दिन भी शिविरार्थियों की जबर्दस्त भीड़ रही। शिविर में आचार्य सुकुमालनन्दी के सानिध्य में आयेाजित हो रहे इस शिविर में अभी तक कई लाभार्थी अपने ज्ञान के भण्डार को मजबूत कर चुके हैं।