हिन्दी विभाग का शैक्षणिक भ्रमण
udaipur. सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के शिक्षकों और छात्रों के दल ने शैक्षणिक भ्रमण के दौरान कुंभलगढ़ के ऐतिहासिक स्थलों का अवलोकन किया।
विभागाध्यक्ष प्रो. माधव हाड़ा ने बताया कि विद्यार्थियों ने इस भ्रमण के दौरान राजस्थान की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के संदर्भ में विभिन्न जानकारियाँ जुटाईं। विभाग के विद्यार्थियों ने मेवाड़ के भौगोलिक परिदृश्य को देखा। कुंभलगढ़ क्षेत्र की प्राकृतिक छटा और नदी-तंत्र की जानकारी हासिल की। प्रो. हाड़ा ने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संदर्भ में कुंभलगढ़ के महत्व के विषय में बताया।
उन्होंने किले के स्थापत्य के समय के साथ आए परिवर्तन को रेखांकित किया और यहां के मंदिरों और उनके विग्रहों के आधार पर भक्ति और आराधना के परम्परा को स्पष्ट किया। विभाग के सहआचार्य डॉ आशीष सिसोदिया ने मध्यकालीन युद्ध-विज्ञान और सैन्य संगठन के विषय में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मेवाड़ के विभिन्न किलों के मध्य अपनी मजबूती और अभेद्य निर्माण और दृर्गम स्थिति के कारण कुंभलगढ़ का अत्यंत महत्व था। डॉ. नवीन कुमार नंदवाना ने कविता और प्रकृति के मध्य रचनात्मक संबंध की व्याख्या की। उन्होंने प्राकृतिक उपमानों और बिम्ब-विधानों के आधार पर काव्य की गतिशीलता की चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्रकृति का सान्निध्य मिलते ही मन शीतलता और शांति के महत्व को समझने लगता है। उन्होंने महाराणा कुंभा के साहित्य अनुराग की भी चर्चा की। डॉ. राजकुमार व्यास ने मूलभूत संवदेना के आधार पर साहित्य और कला के अंतरसंबंधों के विषय में बताया। विद्यार्थियों ने अनौपचारिक बातचीत के दौरान अनेक सवाल पूछे और जिज्ञासा को शांत किया। हिन्दी साहित्य के शोधार्थियों के साथ इस दल में विभाग के प्रथम और तृतीय सेमेस्टर के विद्यार्थी भी शामिल थे, सभी विद्यार्थियों को इस भ्रमण के दौरान परस्पर विचार-विमर्श का अवसर मिला। विद्यार्थियों ने भ्रमण को अविस्मरणीय बताया।