संभागीय आयुक्त ने दिया जवाब
तब तक जा चुकी थीं सभापति
udaipur. उदयपुर बिल्डार्स एसोसिएशन की ओर से झीलों की सफाई के लिए झील हितैषी नागरिक मंच को नाव सौंपने के समारोह में जहां जनप्रतिनिधि के संबोधन में भी झल्लाहट झलकी वहीं अधिकारी ने जवाब दिया लेकिन तब तक सभापति वहां से जा चुकी थीं।
मुख्य अतिथि के रूप में नगर परिषद सभापति रजनी डांगी ने जहां संभागीय आयुक्त डॉ. सुबोध अग्रवाल से इस बात पर नाराजगी जताई कि झीलों की साफ-सफाई एंव संरक्षण-संवर्धन को लेकर तैयार किये गये एमओयू के पूरा नहीं होने के पीछे कहीं न कहीं कम्यूनिकेशन गेप रहा। एमओयू में राज्य सरकार द्वारा आर्थिक व मानवीय संसाधन उपलब्ध नहीं कराये जाने की बात कहने पर परिषद बोर्ड ने इसे निरस्त कर दिया।
अध्यक्षता करते हुए संभागीय आयुक्त डॉ. अग्रवाल ने स्पष्ट किया कि वर्ष 2009 के सेक्शन 45 एक्ट में स्पष्ट उल्लेख है कि शहर व झीलों की की साफ-सफाई का जिम्मेदारी नगर परिषद की ही होती है। परिषद अपने इस दयित्व से मुंह नहीं मोड़ सकती है। उन्होंकने कहा कि एमओयू सभी की सहमति से तैयार किया गया था जिसमें परिषद भी शामिल थी। यदि उस ड्राफ्ट में किसी प्रकार की आपत्ति थी तो उस पर विचार किया जा सकता था न कि उसे कचरे में फेंका जाना चाहिये था। शीघ्र ही शहर में झील विकास प्राधिकरण का गठन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज भी रानी रोड़ व बड़ी का पाल को साफ-सफाई की आवश्यकता है।
Who cares for the lakes…… but yes whenever there will be Tender & Bidding of the lakes’ land then of course everyone will be the responsible body….. GAME OF MONEY
Why to think for Nature …… only think for Fund.