महिलाओं के सामाजिक परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्यशाला
udaipur. राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा ने कहा कि महिलाओं की समस्याओं के त्वरित समाधान एवं निराकरण के लिये गुजरात की तर्ज पर ही राजस्थान, पंजाब और हरियाणा में भी शीघ्र ही महिला हेल्पलाईन की शुरूआत की जाएगी।
वे शुक्रवार को महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय एवं राष्ट्रीय महिला आयोग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ’सामाजिक परिवर्तन पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का प्रभाव-महिला सम्बन्धित मुद्दे एवं चुनौतियां‘ विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रही थीं।
उन्होंने कहा कि महिला आयोग के साथ पुलिस एवं प्रशासन के अलावा आम लोगों की भागीदारी से इन पर काबू पाया जा सकता हैं। महिला सशक्ततीकरण की शुरूआत बेटी बचाओ आंदोलन से होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सामाजिक बदलाव लाने में समय लगता है, आज आवश्यकता इस बात की है कि महिलाओं की समस्याओं से निपटने के लिए आयोग के प्रयासों के साथ-साथ सरकार एवं पुलिस के साथ ही आम लोगों को भी आगे आना होगा।
अध्यक्षता करते हुए महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ओ. पी. गिल ने कहा कि महिला सशक्तीवकरण के अभाव में वैज्ञानिक उपलब्धियों का गौरव अधूरा है। शहरी एवं ग्रामीण परिवेश की महिलाओं की समस्याएं एवं चुनौतियां अलग-अलग है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के सकारात्मक प्रयोग द्वारा महिलाओं की समस्याओं को वैज्ञानिक तरिकों से सुलझाया जा सकता है।
सीएसआईआर, नई दिल्ली की वरिष्ठा वैज्ञानिक डॉ. अमला बत्रा ने विज्ञान एंव प्रौद्योगिकी से महिला उत्थान पर विशिष्ट व्याख्यान दिया। उन्होनें वर्तमान परिप्रेक्ष्य में महिला उत्थान के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की उपयोगिता के बारे में बताते हुए कहा कि इससे ग्रामीण इलाकों की दशा एवं दिशा दोनों बदल गई है।
उद्घाटन सत्र में सह अधिष्ठायता डॉ. आरती सांखला ने अतिथियों का स्वागत किया। डॉ. विभा भटनागर ने राष्ट्रीय कार्यशाला की रूपरेखा पर प्रस्तुतीकरण दिया। डॉ. गायत्री तिवारी ने धन्यवाद दिया। महिला एवं बाल विकास विभाग की उप निदेशक डॉ. श्वेता फगडि़या द्वारा महिला कल्याण एवं विकास के लिए किये जा रहे सरकारी प्रयासों के बारे में विस्तृत जानकारी दी।