रामदेवरा में हर पल गूंजता है यही पैगाम
लोक कल्याण, सामाजिक सद्भाव व समरसता, समाज सुधार, आप्तजनों की हरसंभव मदद और मानव जीवन में आदर्शो के समावेश के साथ विश्व कल्याण की भावनाओं का संवहन कर समाज को मंगलकारी दिशा दृष्टि प्रदान करने वाले लोकदेवता बाबा रामदेव की शिक्षाएं, वाणियाँ और उपदेश आज भी हर कही गूंज रहे हैं।
बाबा रामदेव लोक कल्याण के पर्याय लोकदेवता हैं जिनके भक्तों के हृदय से लेकर रामदेवरा तीर्थ के समाधिस्थल, मंदिरों व धर्म अध्यात्म के दर्शनीय स्थलों और रामदेवरा के मार्गों-गलियारों या रामदेवरा पहुंचने वाले तमाम रास्तों पर यही वाक्य गूंजता रहता है- बाबो भली करे।
बाबा के रंग में रंगे हुए लाखों मेलार्थियों के मुँह से यही वाक्य उच्चारित होता रहता है। सदियों से उच्चारित ‘बाबो भली करे‘ वाक्य अब मंत्र ही बन चला है। हरेक के कल्याण की भावना को अभिव्यक्त करने वाला यह वाक्य पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा जगाने वाला है। लोक मान्यता है कि बाबा के दरबार में पहुंचने वाले हर मुरीद का बाबा भला करते हैं तथा जो सच्चे मन से उनका स्मरण करता है उसके मन में भी औरों की भलाई करने की लौ लग जाती है।
यही वजह है कि देश-दुनिया में फैले हुए तथा सालाना मेले में आने वाले लाखों मेलार्थी रामदेवरा की पावन धरा से सभी लोगों की भलाई का संकल्प लेकर लौटते हैं और अपने-अपने गांवों, शहरों, ढांणियों, फलों, पालो आदि में बाबा रामदेव की शिक्षाओं का प्रचार-प्रसार करते हुए इंसानियत का परचम लहराते हैं। देश भर में आज बाबा के असंख्य भक्त हैं जो बाबा के उपदेशों से जन-जन की भलाई का बीड़ा उठाये हुए हैं।
बाबा रामदेव के भक्तों की सेवा तथा बाबा के कामों में मददगार सिद्ध होने वाले लोगों पर बाबा की मेहर खूब बरसती है। यही कारण कि बहुत बड़ी संख्या में देश के विभिन्न हिस्सों से बाबा के भक्त मेले में व पदयात्रियों के मार्ग में वृहत पैमाने पर सेवा केन्द्र स्थापित करते हैं जिनमें भोजन, पानी, आवास, विश्राम, चिकित्सा आदि सभी सुविधाओं का निःशुल्क प्रबंध उपलब्ध होता है। सैकड़ों की संख्या में छोटे-बड़े लंगर लगते हैं।
यह बाबा रामदेव की कृपा ही है कि उनका पैगाम आज भी पूरे उत्कर्ष से संवहित हो रहा है।
– डॉ. दीपक आचार्य