udaipur. भाद्रपद मास की पूर्णिमा पर श्राद्ध पक्ष शुरू हो गए। कहीं शनिवार से शुरू हुए तो कहीं रविवार से शुरू माने गए। पूर्णिमा रविवार को भी मानी गई। घरों में पितरों की शांति के लिए तर्पण, श्राद्ध आदि का क्रम शुरू हो गया। इनके समापन पर नवरात्रि स्थापना होगी।
शहर के गणगौर घाट, नाव घाट, गंगू कुंड पर पिंडदान के अनुष्ठान हुए। श्राद्ध पक्ष के चलते 15 दिनों तक शुभ कार्य वर्जित रहेंगे। यह सर्वमान्य है कि पितरों को तर्पण करने से घर परिसर में धन-धान्य, यश, दीर्घायु, लक्ष्मी, सुख और सौभाग्य बना रहता है। पितरों की संतुष्टि के लिए तिल, धान्य, जल, दूध, फल, मूल, शाक आदि से श्राद्ध करना बताया गया है। श्रद्धा से जो कुछ पितृगण को अर्पित किया जाए, उससे उनकी आत्मा भोजन व जल ग्रहण करती है।