udaipur. तपस्वियों का सम्मान तप का सम्मान है। तपस्वियों के सम्मान से स्वयं के हृदय में तप के प्रति बहुमान जागृत होता है। ये विचार आचार्य अभिनंदन सागर ने बीसा हुमड़ भवन में नियमित प्रवचन में व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि देह और आत्मा के अलग अलग अस्तित्व का भान और ज्ञान तो सभी को है लेकिन जब परीक्षा की घड़ी आती है तो हमारा विश्वास डगमगा जाता है। इसी विश्वास की दृढ़ता के लिए जैन आगम में तप की उपयोगिता बताई गई है। उन्होंने कहा कि पर्यूषण पर्व में बहुत से श्रावकों ने 32, 16,10 और 5 उपवास करके कीर्तिमान बनाया है।
प्रचार प्रसार मंत्री हेमंत गदिया ने बताया कि इन सभी तपस्वियों का बुधवार सुबह 9 बजे सम्मान किया जाएगा। जैनेश्वरी दीक्षा समारोह सहित तपस्वी सम्मान को लेकर संभाग भर से जैन समाज, नवयुवक मंडल, महिला मंच एवं श्रावक-श्राविकाओं कवि प्रकाश नागौरी, पूर्व पार्षद नानालाल वया, भंवरलाल शर्मा, सज्जनसिंह छाजेड़, संजय नलवाया, मनीष बापना, हेमंत लोढ़ा, तरुण, विक्रम, राकेश कंठालिया, उमेश जैन, नरेश, प्रवीण गोधा,सुरेश भोरावत, राजमल जैन, राजेश शाह सहित सैकड़ों के शुभकामना संदेश प्राप्त हुए हैं।