Udaipur. आचार्य अभिनंदन सागर महाराज ने कहा कि अब तक संसार में मनुष्य का जितना भी परिभ्रमण हुआ है मोह के परिणाम स्वरूप ही हुआ है।
वे आज बीसा हुमड़ भवन में छहढाला प्रशिक्षण के दौरान आयोजित धर्मसभा में बोल रहे थे।
उन्होनें कहा कि मदिरा मनुष्य का विवेक छिन लेती है इसलिए इससे दूर ही रहना चाहिए। मदिरा पीकर व्यक्ति हित-अहित का विवेक खो देता है। मदिरा सेवन कर व्यक्ति सामने खड़े सत्य को असत्य बताता है। चातुर्मास समिति के संरक्षक सेठ शांतिलाल नागदा, अध्यक्ष जनकराज सोनी, नाथुलाल खलुडिय़ा व महावीर पटवा ने बताया कि 21 अक्टूबर को होने वाल भव्य त्रय जेनेश्वरी दीक्षा समारोह की तैयारियंा जोर-शोर से चल रही है। इस सन्दर्भ में विभिन्न कमेटियों का गठन क्रियान्वयन किया जा रहा है। 14 अक्टूबर को बैंक तिराहे पर आचार्य अभिनंदन सागर, मुनि शरद पूर्णिमा सागर तथा मुनि अर्पित सागर महाराज का केश लोच समारोह सुबह साढ़े आठ बजे आयोजित किया जाएगा जहां उनका मंगल प्रवचन होगा।
चातुर्मास समिति के प्रचार-प्रसार प्रभारी हेमन्त गदिया ने बताया कि कैशलोच समारोह से पूर्व सभी महाराज को शोभायात्रा के रूप में बैण्ड बाजों के साथ बैंक तिराहे तक सैकड़ों श्रद्धालुओं के साथ लाया जाएगा। शोभायात्रा लखारा चौक, धानमण्डी, देहलीगेट होती बैंके तिराहे पर पहुंचेगी।