पौधरोपण अभियान में लक्ष्य रखा था एक लाख पौधे रोपने का
जून से शुरू हुआ था अभियान
udaipur. हिन्दुस्तान जिंक ने पर्यावरण के प्रति सजगता एवं अपनी कटिबद्धता का निर्वहन करते हुए पर्यावरण सप्ताह के दौरान 5 जून 2012 से पौधारोपण महाअभियान का शुभारंभ किया था।
इसके तहत हिंद जिंक ने एक लाख पौधे रोपने का लक्ष्य रखा लेकिन जिंक कर्मचारियों के अथक प्रयास और आम जनता के सहयोग से हिन्दुस्तान जिंक ने अपने अभियान से कहीं अधिक डेढ़ लाख पौधे रोपे।
अभियान में अधिकतम नीम, शीशम, अशोका और पाम के पौधे लगाये गये। अभियान में हिन्दुस्तान जिंक की सभी इकाइयां सम्मिलित हुई तथा इसका मुख्य केन्द्र विश्वय प्रसिद्ध रामपुरा आगुचा खदान रहा जहां मात्र रामपुरा-आगुचा ने ही एक लाख पौधे रोपकर कीर्तिमान स्थापित किया।
हिन्दुस्तान जिंक का पौधारोपण महाअभियान मिसाल रहा क्योंकि अभियान 45 डिग्री तापमान पर प्रारंभ किया गया था जो चुनौतीपूर्ण था। हिन्दुस्तान जिंक वृक्षारोपण के बाद पौधों की देखरेख की जिम्मेदारी पूर्ण रूप से निभा रहा है। पौधों के संरक्षण के लिए आम जनता का पूर्ण सहयोग मिला है। गौरतलब है कि हिन्दुस्तान जिंक अपने परिसरों में पर्यावरण, संरक्षण एवं सुरक्षा के लिए सदैव कटिबद्ध रहा है। कंपनी की सभी इकाइयां पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखकर अत्याधुनिक तकनीक से परिपूर्ण है।
हिन्दुस्तान जिंक के हेड-कार्पोरेट कम्यूनिकेशन पवन कौशिक ने बताया कि ‘हिन्दुस्तान जिंक पर्यावरण संरक्षण एवं उसके विकास के लिए सदैव कटिबद्व है। हमें खुशी है कि इन पर्यावरण संरक्षण अभियानों में हिन्दुस्तान जिंक को जिला प्रशासन तथा आम जनता का सम्पूर्ण सहयोग मिलता रहा है जिससे हम अपने लक्ष्य को प्राप्त कर पाये हैं।’ हिन्दुस्तान जिंक भारत का एकमात्र एवं विश्वप का सबसे बड़ा एकीकृत जस्ता उत्पादक है तथा केन्द्र एवं राजस्थान सरकार के सहयोग से अनेक सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों द्वारा गांवों में सामाजिक एवं आर्थिक विकास ला रहा है।