मुख्य समारोह 21 को
udaipur. आचार्य अभिनंदन सागर महाराज के सानिध्य में आगामी 21 अक्टूबर को टाऊनहॉल में त्रय जेनेश्वरी दीक्षा समारोह आयोजित धूमधाम से आयोजित किया जाएगा। दीक्षा समारोह के सन्दर्भ में 6 दिवसीय कार्यक्रमों की शुरूआत 16 अक्टूबर से पंचामृत अभिषेक के साथ प्रारंभ होंगे।
19 अक्टूबर को दीक्षार्थियों की बिन्दौली निकाली जाएगी। समिति के अध्यक्ष जनकराज सोनी ने बताया कि आज यंहा होटल फ्लोरेंस में आयोजित प्रेस वार्ता में बताया कि आचार्य अभिनंदन सागर महाराज से दीक्षार्थी वयोवृद्ध कमला बाई सेठी,क्षुल्लक दिव्यानंद सागर व बहिन चन्द्ररेखा दीक्षा ग्रहण करेंगी। उन्होनें बताया कि इसी श्रृंखला में 15 अक्टूबर को कवि प्रकाश नागौरी के संयोजन में बीसा हुमड़ भवन में शाम 7 बजे कवि सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।
समिति के परम संरक्षक शान्तिलाल नागदा ने बताया कि 14 अक्टूबर को बैंक तिराहे पर भव्य आचार्य अभिनंदन सागर महाराज, मुनि शरद पूर्णिमा सागर महाराज व मुनि पावन सागर महाराज का भव्य कैश लोच कार्यक्रम होगा। समारोह सुबह आठ बजे से प्रारंभ होगा। आचार्य श्री व मुनियों को बैण्ड बाजे के साथ शोभायात्रा के रूप में आयोजन स्थल पर लाया जाएगा। 16 अक्टूबर को सुबह साढे सात बजे पंचामृत अभिषेक, महाशांतिधारा, 9 बजे भक्तामर विधान कार्यक्रम का आयोजन होगा।
कार्याध्यक्ष नाथुलाल खलुडिय़ा ने बताया कि 17 को पार्श्वनाथ विधान,18 को प्रात: 9 बजे शान्ति विधान होंगे। 16 से 18 तक तीनों दिन बीसा हुमड़ भवन मे ही सांय सढ़े सात बजे से गरबा एंव सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे। 19 को प्रात: पंचपरमेष्ठी विधान व 20 को गणधर विलय विधान होगा जबकि दोनों दिन अलग-अलग स्थानों से शाम को दीक्षार्थियों की बिनोली निकाली जाएगी।
चातुर्मास समिति के प्रचार-प्रसार संयोजक हेमन्त गदिया ने बताया कि मुख्य समारोह 21 को टाऊनहॉल में डेढ़ बजे प्रारंभ होगा। इससे पूर्व दीक्षार्थियों को शोभा यात्रा के जरिए आयोजन स्थल पर दोपहर 12 बजे लाया जाएगा। संपूर्ण विधान प्रतिष्ठाचार्य आचार्य पुष्पेन्द्र शास्त्री के सानिध्य में सम्पन्न होंगे।
उन्होंने बताया कि एक शाम दीक्षार्थियों के नाम नामक कवि सम्मेलन में रास बिहारी गौड, अब्दुल गफ्फार, अशोक सिंघवी, छत्रपाल शिवाजी, कवियित्री दीपिका माही, कविता पाठ करेंगे जबकि सूत्रधार कवि प्रकाश नागौरी होंगे। सुमतिलाल दुदावत, महावीर पटवा, जम्बुकुमार कोटडिय़ा, अंजना गंगवाल, मंजु गदावत, मधु चित्तौड़ा, लीला कुर्डिया, मधु गदिया उपस्थित थे।
जीवनयापन हेतु जीव तत्व का आश्रय लें : अभिनंदन सागर
आचार्य अभिनंदन सागर महाराज ने कहा कि यदि किसी व्यक्ति को यात्रा पर जाना हो तो वह अनावश्यक वस्तुओं के स्थान पर आवश्यक वस्तुओं का संग्रह करता है ठीक उसी प्रकार संसार की इस अंनत यात्रा में उबरकर यदि मुक्ति रूपी मंजिल तक पहुंचना है तो हमें प्रयोजन भूत जीव का आश्रय लेना चाहिए। वे आज छह ढाला प्रशिक्षण के दौरान आयोजित धर्मसभा में बोल रहे थे। उन्होनें कहा कि पंच परावर्तन रूप संसार में अभी तक हमनें अनावश्यक जड़ तत्व का संग्रह करके अपना बोझ बढ़ाया ही है। वस्तुत: दुख के कारणों की सही पहचान ही सुख की ओर प्रथम सोपान है। समाजसेवी गजेन्द्र आंचलिया, हेमलता आंचलिया ने आचार्य से आशीर्वाद लिया।
धर्म सहित व्यक्ति कभी डूब नहीं सकता: सुकुमालनंदी
यह संसार एक सागर के समान है जिसने धर्म का सहारा लिया हो उसको कभी कोई डूबा नहीं सकता। धर्म किसी की बापौति नहीं है, अन्तरंग से किया जाने वाला धार्मिक उपक्रम है। धर्म रूपी कील का सहारा जिस व्यक्ति के पास होता है उसे व्यक्ति को कभी कोई हरा नहीं सकता। ये विचार आचार्य सुकुमालनन्दी ने सेक्टर 11 स्थित आदिनाथ भवन में आयोजित धर्मसभा में व्यक्त किये। आचार्यश्री ने कहा कि धर्म से बढक़र कोई अन्य कल्याणकारी, हितकारी वस्तु नहीं है। धर्म सर्वश्रेष्ठ विधि है। धर्म सर्वश्रेष्ठ रत्न है। धर्म कामधेनु व कल्पवृक्ष के समान हैं। कामधेनु व कल्पवृक्ष तो मांगने पर, सोचने पर इच्छित पदार्थ को प्रदान करते हैं। लेकिन धर्म तो बिना मांगे, बिना सोचे, बिना विचारे ही सब कुछ प्रदान कर देता है।