udaipur. गुजरात के मेहसाणा से 50 किमी दूर बहुचराजी तहसील के शंखलपुर गांव में विमलनाथ प्रभु की प्राचीन प्रतिमा में स्वत: परिवर्तन का दावा किया गया है। प्रतिमा की एक आंख सुनहरी हो गई है। इससे जैन समुदाय में उमंग और उल्लास छा गया है।
बताया गया कि शंखलपुर जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ के जिनालय के रंगमंडप में विराजमान 15 मूर्तियों में से एक मूर्ति प्रभु विमलनाथ की है। 14 इंच ऊंची इस प्रतिमा की एक आंख सुनहरी रंग की हो गई है। हालांकि मूर्तिपूजक का कहना है कि 8 दिनों से लगातार मूर्ति की एक आंख में यह परिवर्तन देखा जा रहा था, लेकिन अब यह पूरी तरह से सुनहरे रंग में परिवर्तित हो गई है।
शंखलपुर जैनसंघ के प्रमुख प्रबोधभाई शाह ने बताया कि शुरुआत में आंख का कुछ ही भाग सुनहरा हुआ था, लेकिन अब आंख पूरी तरह से स्वर्णमय हो गई है। पुष्करवाणी ग्रुप ने बताया कि लगभग सात वर्ष पूर्व 15 प्रतिमाएं जमीन से प्रकट हुई थीं। यह प्रतिमा 7 जून, 2005 को गांव में पानी के पाइपलाइन की खुदाई के समय जमीन से निकली थी। इस प्रतिमा के साथ महावीर स्वामी, आदेश्वर, नेमीनाथ, शांतिनाथ, पार्श्वसनाथ, पदमप्रभु, धर्मनाथ आदि देवताओं की कुल 15 प्रतिमाएं भी हैं, जो सभी 12 इंच से 52 इंच ऊंची हैं। ये प्रतिमाएं 1100 से 1200 वर्ष प्राचीन बताई जाती हैं।