udaipur. जैसे ही भगवान राम ने धनुष की प्रत्यंचा खींचकर तीर चलाया जो रावण के नाभि कुंड में जा लगा। कुंड और आंखों से पहले चिंगारियां निकली और रावण का पुतला धू धू कर जल उठा। इससे पहले शहर में भव्य शोभायात्रा निकाली गई जिसमें कई झांकियां भी शामिल की गई।
शक्तिनगर स्थित सनातन मंदिर से शोभायात्रा निकलने से पूर्व राम-लक्ष्मण ने शिव आराधना की। फिर शोभायात्रा निकली जो शास्त्री सर्कल, टाउन हॉल, सूरजपोल, बापू बाजार, देहलीगेट, अश्विनी बाजार, हाथीपोल, चेटक सर्कल होते हुए गांधी ग्राउंड पहुंची। वहां नगर परिषद की ओर से आतिशबाजी हुई और भगवान राम का विजय तिलक किया गया। फिर हनुमान ने लंका में आग लगाई। इसके बाद क्रमश: मेघनाद, कुंभकर्ण के पुतलों का दहन हुआ।
कार्यक्रम में भगवान राम का विजय तिलक श्रीमहंत हरि सेवाधाम के स्वामी हंसराम साहब ने किया। इस दौरान सांसद रघुवीर मीणा, चित्तौड़गढ़ सांसद डॉ. गिरिजा व्यास, शहर विधायक गुलाबचंद कटारिया, यूआईटी अध्यक्ष रूप कुमार खुराना अतिथि के रूप में मौजूद थे।
आन-बान-शान से पूजे गए अश्व : मंगलवार को सिटी पैलेस में परंपरानुसार अश्वों का पूजन किया गया। दशहरे की पूर्व संध्या पर अश्व बल को सम्मान के रूप में पूजन की परंपरा है। इस खास आयोजन के लिए माणक चौक, नगीनाबाड़ी, नाहरों का दरीखाना आदि को राजसी अंदाज में सजाया गया था। पारंपरिक पहनावे में गणमान्य नागरिक ही नहीं, विदेशी मेहमान भी यहां आमंत्रित थे। राजसी वेश में महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन के अध्यक्ष एवं प्रबंध न्यासी अरविंद सिंह मेवाड़ ने अक्षत, कुंकुम चढ़ाकर अश्वों की आरती की। नए आभूषण, वस्त्रादि अर्पित किए और आहार दिया, ज्वार धारण करवाई। फाउण्डेशन के ट्रस्टी लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ सहित मेवाड़ के पूर्व ठिकानेदार एवं विदेशी मेहमान उपस्थित थे। संचालन सोनिका सोनी ने किया।