udaipur. श्री राजपूत करणी सेना के प्रधान संरक्षक लोकेन्द्रंसिंह कालवी ने कहा कि प्रदेश के लाखों राजपूत समाजजनों के साथ मिलकर आरक्षण और तीसरे मोर्चे का विरोध किया जाएगा। साथ ही मेवाड़ और मारवाड़ी शैलियों के अस्तित्व को संरक्षण प्रदान किया जाएगा।
वे जनवरी, 2013 में जयपुर के अमरुदों के बाग में प्रस्ताववित राजपूत स्वाभिमान सम्मेलन को लेकर गुरुवार को उदयपुर में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्हों ने कहा कि करणी सेना चाहती है कि हम सभी जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों तथा अन्य सामाजिक संगठनों को एक जाजम पर लाएं तथा विकास और परेशानियों पर गहन विचार करें।
स्वाभिमान के साथ आरक्षण का क्या तालतमेल
वार्ता के दौरान कालवी ने कहा कि जब आयोजन ही स्वाभिमान को लेकर हो रहा है, तो फिर इसमें आरक्षण और तीसरे मोर्च जैसे राजनीतिक मुद्दों को क्यो शामिल किया जाए। हमारे लिए सभी समान है। इसी कारण इस स्वाभिमान सम्मेलन का आयोजन होगा। ऐसे मामले हैं, जिनके कारण काफी चिंता होती है। इन मामलों में एक ताकत दिखाने के लिए 22 दिसंबर को सभी जनप्रतिनिधियों चाहे वे पंचायतीराज व कॉलेज यूविर्सिटी से हो। उन सभी का सम्मान करेंगे व 13 जनवरी को बड़ा स्वरूप दिखाने के लिए समाजजन एकत्रित होंगे।
राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी : कालवी ने कहा कि कई मामले ऐसे होते हैं जो राजनीतिक इच्छा शक्ति की कमी के कारण अटक जाते हैं। जिन पर निर्णय नहीं हो पाते हें। वर्तमान में सब पार्टियों का चुनाव के समय विभिन्न मुद्दों पर अलग अलग राय बना ली है। सभी के जवाब अलग अलग हैं, इस कारण उसमें इनकी राजनीतिक इच्छा शक्ति की कमी नजर आती है। इय अवसर पर डॉ. जयङ्क्षसह जोधा, कुलदीप सिंह ताल, किशोर सिंह शेखावत, रविंद्र सिंह चौहान ने भी विचार व्यक्त किए।