विश्व जीवंत विरासत महोत्सव संपन्न
धवल चांदनी रात में जगमंदिर में हुआ राधा रास
udaipur. सृष्टि की रचना करने वाले पितामह ब्रह्मा की ध्यानोपासना के पर्व के उपलक्ष में महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन उदयपुर एवं यूनेस्को भारत इकाई के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय विश्व जीवंत विरासत महोत्सव के तहत बुधवार को कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर ऐतिहासिक जगमंदिर आइलैण्ड पैलेस में सुप्रसिद्ध सूफी कत्थक नृत्यकार मंजरी चतुर्वेदी द्वारा राधा-रास प्रस्तुत किया गया।
गुलाबी सर्दी के अहसास के साथ जगमंदिर आईलैण्ड पैलेस के मुकुट पर खिले चौदहवीं के पूर्ण चांद की अलौकिक रोशनी और रंगीन बल्बों की रोशनी से जगमग जगमंदिर के नयनाभिराम मंच पर जब मंजरी चतुर्वेदी ने उनकी प्रसिद्ध गंगा-जमुनी तहजीब पर आधारित सूफीयाना राधा रास प्रस्तुत की। उन्होंने मुस्तार खेराबादी की राधा प्रेम पर रचित रचना …ऐसे दिनन बरखा ऋतु आयो, घर नहीं हमरा श्याम रे मुरलिया बाज रही… सूफी कव्वाली पर कत्थक प्रस्तुत किया। इसके पश्चात राग रागेश्वरी में नवाब साहब रामपुर सैयद राजा अली खान की राधा-कृष्ण पर रची सूफी रचना …हट जाओ कन्हैया, छोड़ो कलाईयां तोहे लाज न आए… पर मनोरम भाव भंगिमाओं के साथ प्रस्तुति दी। नृत्यकार मंजरी ने इसके बाद सूफी रचना भोर भए आए मेरे द्वारे एवं सैंया सजीले तोरे नैना, रसीले ऐसे बालम पे मैं तन-मन वारूं पर सूफी एवं कत्थक का मिलाप पेश किया।
कार्यक्रम से पूर्व महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन उदयपुर के अध्यक्ष एवं प्रबंध न्यासी श्रीजी अरविंद सिंह मेवाड़ ने दीप प्रज्वलन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि फाउण्डेशन का प्रयास है कि वह पारंपरिक उत्सवों में संगीत प्रेमियों का मनोरंजन तो करे ही साथ ही उन्हें ज्ञानार्जन भी करवाए। इस अवसर पर आशका बटीक की प्रदशर्नी भी लगाई गई। कार्यक्रम में फाउण्डेशन के ट्रस्टी लक्ष्यराज सिंह मेवाड़, मेवाड़ की पूर्व रियासत के ठिकानेदार, विदेशी मेहमान, शहर के कलाप्रेमी तथा आमंत्रित अतिथियों ने शिरकत की।
इन्होंने की संगत : राधा-रास में मुख्य अदाकारा मंजरी चतुर्वेदी के साथ कव्वाल जनाब नारूल हसन, ढोलक पर मोहम्मद तारीक, तबले पर मोहम्मद सलीम, हारमोनियम पर मोहम्मद सलमान, बशर हसन, इकराम हुसैन, राधा की आवाज दी श्रीमती राधिका चोपड़ा, सारंगी पर श्री कमाल खान, सितार पर श्री फतेह अली, तबले पर मनोज नागर, बांसुरी पर श्री जीवन ने संगत की। समारोह में मंच की रोशनी व्यवस्था नितिन जैन तथा मुख्य अदाकारों का श्रृंगार मनोज वर्मा ने किया।