मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय का 20 वां दीक्षान्त समारोह
Udaipur. जहां 75 प्रतिशत स्वर्णपदक छात्राओं को मिले तो राज्यपाल मार्ग्रेट आल्वा के मुंह से निकल पड़ा कि आज महिलाएं शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ रही हैं यह विकास के क्षेत्र में अच्छे संकेत हैं। इस स्थिति को देखते हुए विचार आता है कि कहीं आने वाले समय में लड़कों के लिए आरक्षण की बात ना करनी पडे़।
ये विचार उन्होंने शुक्रवार को मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय के दीक्षान्त समारोह में 34 में से 25 छात्राओं को गोल्ड मेडल प्रदान करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने विधिवत दीक्षान्त समारोह प्रारम्भ करने की अनुमति प्रदान की। राज्यपाल ने कहा कि राज्य के पांच जनजाति उपयोजना जिलों में उदयपुर जिला भी आदिवासी बहुल है। उन्होंने कहा कि जिले के आदिवासी क्षेत्र में लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए युवाओं की भागीदारी बढाना चाहते हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय से अपेक्षा की कि वह इस दिशा में आगे आयेगा। शिक्षित होकर युवा समाज का सेतु बनें तथा बहुलवाद, सामाजिक न्याय और धर्म निरपेक्षता के मूल्यों को बनाये रखने तथा हमारी लोकतांत्रिक संस्थाओं को मजबूत करने के लिए आगे आयें।
राज्यपाल ने वर्ष 2011 की परीक्षा में प्रथम रहे कुल 34 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक से अलंकृत किया। इसमे 25 छात्राएं शामिल थी। राज्यपाल ने कहा कि यह गर्व की बात है कि राजस्थान के जनजाति क्षेत्र में हुए विकास से यह क्षेत्र नक्सलवादियों तथा अन्य समूहों के हाथों में नहीं है जो हिंसक आन्दोलनों के माध्यम से अन्याय और शोषण से लड़ने की तलाश में रहते हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने जनजाति क्षेत्रों में विश्वास और आपसी समझ का सेतु बनाने तथा विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से इन कमजोर वर्ग के लोगों की सहायता के लिए ’’समाज सेतु परियोजना’’ का काम हाथ में लिया है जो निश्चित ही अत्यन्त सराहनीय नवाचार है।
राज्यपाल ने कहा कि मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय कई मामलों में उन विश्वविद्यालयों से अग्रणी है जहां कई काम पहली बार किये जा रहे हैं। आज यह विश्वविद्यालय राष्ट्रीय ज्ञान आयोग के नेटवर्क में शामिल हो गया है। इससे प्रतीत होता है कि विश्वविद्यालय के छात्रों को इस प्रकार तैयार कर रहा है जो वैश्विक रोजगार के बाजार में प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं। यहां कर्मचारियों के लिए पहली बार बायोमैट्रिक उपस्थिति शुरू की गई है। राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार ने हाल ही में सुशासन एवं सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान और विस्तार गतिविधियों के लिए मोहनलाल सुखाडिया चेयर की स्थापना की है जो आगे इस क्षेत्र में काम करने के लिए प्रोत्साहित करेगा। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए गोल्डन जुबली रिसर्च अवार्ड प्रभावी अनुसंधान के लिए प्रेरित करेगा।
पीएचडी डिग्री वितरणः उन्होंने विज्ञान संकाय में कुल 18 जिसमे 13 छात्राएं और 5 छात्र, वाणिज्य संकाय में कुल 15 में से 12 छात्राएं व 3 छात्र, सामाजिक विज्ञान में 11 में से 7 छात्राएं व 4 छात्र, मानविकी में 6 में से 4 छात्राएं व 2 छात्र, शिक्षा संकाय में 4 में से 1 छात्रा व 3 छात्र , प्रबंध अध्ययन में 3 में से 1 छात्रा व 2 छात्र एवं विधि संकाय में 2 छात्रों को उपाधियों का वितरण किया।
कुलपति प्रो. आई. वी. त्रिवेदी ने प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए बताया कि इस वर्ष साहसिक खेलों के अन्तर्गत पर्वतारोहण प्रशिक्षण के लिए 13 लाख रुपये की लागत से रॉक-क्लाइम्बिंग वॉल का निर्माण कराया गया है। यह राज्य का पहला विश्वविद्यालय है जिसमें शिक्षकों की भर्ती का प्रथम चरण पूर्ण कर लिया गया है तथा यहां सूचना क्रान्ति और तकनीकी विकास के अनुरूप अपनी परीक्षा पद्घति को युक्तिसंगत और पारदर्शी बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाये गये हैं। यह विश्वविद्यालय आदिवासी बाहुल दक्षिणी राजस्थान का सबसे बडा शिक्षा का केन्द्र है। उन्होंने बताया कि इसी माह के अन्तिम सप्ताह में विश्वविद्यालय 38 वां अखिल भारतीय समाजशास्त्री सम्मेलन आयोजित कर रहा है, जिसमें देश-विदेश के 1500 से अधिक प्रतिभागी भाग लेंगे। संस्कृत विभाग द्वारा प्राचीन भारतीय आर्थिक चिन्तन विषय पर आगामी फरवरी माह में एक अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन भी किया जायेगा। संयोजन रजिस्ट्रार डा एल एन मंत्री ने किया। दीक्षान्त समारोह में जिला कलक्टर विकास एस. भाले, पुलिस अधीक्षक एचपी शर्मा सहित विश्वविद्यालय प्रबंध मंडल के सदस्य, शिक्षक, गणमान्य नागरिक, जिला प्रशासन एवं अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद थे।