Udaipur. उदयसागर झील पेटे में बन रहे रिसॉर्ट (होटल) को स्वीकृति देने में जिला प्रशासन पर भरपूर मेहरबानी करने का आरोप लगाते हुए हाल ही में नाव संचालन की पहले इजाजत देने और फिर वापस लेने पर प्रश्नचिह्न लगाए हैं।
ज्वाला जन जाग्रति संस्थान के भंवरसिंह राजावत एवं चांदपोल नागरिक समिति के तेजशंकर पालीवाल ने जारी एक बयान में कहा कि आम आदमी आबादी क्षेत्र में अपने प्लॉपट पर मकान बनाने को लेकर 90-बी कराने के लिए यहां वहां भटकता रहता है लेकिन इस निजी ग्रुप को होटल/रिर्सोट बनाने के लिए उदयसागर झील पेटे में 90 बी कर निर्माण की स्वीकृति दी गई। समूह ने प्रशासन की शह पर झील पेटे में हजारों टन मलबा डाल पूरी जमीन को ऊंचा उठाया ताकि उदयसागर पर टापू पूरा डूबे नहीं। झील पेटे में बिजली के खम्भे लगा विद्युत कनेक्श न लेकर झील पेटे में ही डीपी लगा दी। यही नहीं ग्रुप को उदयसागर में नावें चलाने की स्वीकृति दे दी।
उन्होंतने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन उच्च न्यायालय के आदेश की पालना नहीं कर होटल समूह की मदद कर रहा है। जब 90 बी कैन्सल कर दी गई तो उदयसागर झील पेटे की भूमि राज्य सरकार की हो जाती है। जिला प्रशासन को उस भूमि से होटल समूह का कब्जा हटा रिसीवर नियुक्त करना चाहिए जबकि वहां होटल समूह ही काबिज है। उन्हों ने आरोप लगाया कि प्रदेश के उच्चा्धिकारियों से जुडे़ होटल समूह पर मेहरबान अधिकारियों की अविलम्बै जांच करवाकर कार्रवाई की जानी चाहिए।