‘निर्यात व्यापार संगोष्ठी का आयोजन
Udaipur. उदयपुर चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इन्डस्ट्री द्वारा चैम्बर भवन के पी.पी. सिंघल सभागार में ‘निर्यात बन्धु योजना अन्तर्गत निर्यात संवर्धन’ विषयक परिचर्चात्मक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
मुख्य अतिथि संयुक्त निदेशक (डीजीएफटी) वीरेन्द्र सिंह ने निर्यातकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि निर्यात देश की पहली प्राथमिकता है। वर्तमान निर्यात नीति पर सिंह ने बताया कि जब देश के निर्यात में 12 प्रतिशत की कमी आ गई थी, उस समय सरकार द्वारा निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए ‘‘निर्यात बन्धु योजना’’ लागू की। निर्यात बन्धु योजना के तहत निर्यात सम्बन्धी किसी भी समस्या का निराकरण डीजीएफटी द्वारा किया जाता है।
सरकार की नई निर्यात नीति पर श्री सिंह ने बताया कि इसमें सरकार द्वारा परम्परागत बाजार के स्थान पर विदेशों में नये बाजार सृजित करने पर विशेष ध्यान दिया गया है। कृषि व हॉर्टीकल्चर उत्पादों, हैण्डीक्राफ्ट, आईटी व हार्डवेयर, इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, टैक्सटाइल के अलावा अन्य उत्पादों के निर्यात को सरकार द्वारा विशेष प्रोत्साहन निर्यात नीति के तहत दिया जा रहा है।
डीजीएफटी, विदेश व्यापार एवं केन्द्रीय उत्पाद शुल्क सब कमेटी के चेयरमेन पवन तलेसरा ने अपने सम्बोधन में सुझाव दिया कि उदयपुर से निकटतम पोर्ट भी लगभग 600 से 700 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। निर्यातकों को कन्टेनर को पोर्ट तक भिजवाने के लिये बहुत अधिक परिवहन लागत चुकानी पड़ती है जिससे उत्पाद का मूल्य बढ़ जाता है। विभाग द्वारा अन्य डिपो/पोर्ट की भांति खेमली डिपो को भी नियमों के अनुसार ड्रॉ बैक एवं अन्य लाभों के लिये अधिसूचित किया जाये।
कॉनकोर के वरिष्ठज महाप्रबंधक जितेन्द्र कुमार ने माना कि फिलहाल खेमली स्थित इनलैंण्ड कंटेनर डिपो द्वारा केवल घरेलू व्यापार हेतु सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही है किंतु आने वाले समय में इसके द्वारा आयात एवं निर्यात हेतु कस्टम्स से नोटिफाईड किया जाना प्रस्तावित है। केन्द्रीय उत्पाद शुल्क विभाग, उदयपुर के सहायक आयुक्त नरेश बुन्देल ने विभाग द्वारा निर्यातकों को उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं की विस्तार से जानकारी दी। संचालन चैम्बर के मानद महासचिव आशीष छाबडा़ ने किया।