निम्बार्क शिक्षक प्रशिक्षण ने जीती चल वैजयंती
गुरु नानकदेव वाद-विवाद प्रतियोगिता
Udaipur. गुरुनानक गर्ल्स कॉलेज की ओर से आयोजित अखिल राजस्थान गुरुनानक देव चल वैजयंती हिंदी वाद विवाद स्पर्धा इस बार निम्बार्क शिक्षक प्रशिक्षण कॉलेज के खाते में गई। स्पर्धा गुरुनानक गर्ल्स कॉलेज में ही हुई। निदेशक प्रो. जी. एम. मेहता ने बताया कि मुख्य अतिथि सुविवि की प्रो. डॉ. सुधा चौधरी थीं। विशिष्ट अतिथि मनोहरसिंह सच्चर, अमरपालसिंह पाहवा एवं अजीतसिंह पाहवा थे। अध्यक्षता संस्थान अध्यक्ष मोहिंदरपालसिंह लिखारी थे।
संयोजिका डॉ. स्वाति भाटी ने बताया कि कॉलेज के रंगमंच पर आयोजित ‘महिलाओं की बढ़ती महत्वाकांक्षा एवं आर्थिक स्वतंत्रता ही स्वयं के शोषण के लिए उत्ततरदायी है’ विषयक वाद विवाद में करीब 15 कॉलेज के 30 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
पक्ष में प्रतिभागियों ने कहा कि नारी ने अपनी स्वतंत्रता को स्वच्छंदता में बदल दिया है। महत्वाकांक्षाओं के कारण उसने अपनी अस्मिता का हनन कर लिया। महत्वाकांक्षा अब उच्चाकांक्षा में बदलती जा रही है और अपनी सामाजिक व चारित्रिक महत्वण को नजरअंदाज कर रही है। इसी वजह से वह स्वीयं के शोषण का कारण बन रही है। पुरुष उत्पाकदों में नारी खुद का प्रदर्शन कर रही है। सुपर वुमन बनने के शौक में नारी अपने नारीत्व को खोती जा रही है।
विपक्ष में प्रतिभागियों ने कहा कि समाज भयभीत है। पुरुष प्रधान समाज में संकीर्णता का प्रसार हो रहा है। नारी से मर्यादा की अपेक्षा की जाती है तो पुरुषों को भी मर्यादा का पालन करना चाहिए। नारी की महती आकांक्षा व आर्थिक स्वतंत्रता पर चर्चा से बेहतर है कि उसके संदर्भ में अपनी सोच बदलें। परिवार में कन्या भ्रूण हत्या, दहेज प्रथा, बस में बलात्कार व सड़क पर तेजाब फेंकने जैसी घटना में महत्वाकांक्षा व आर्थिक स्वततंत्रता कहां दोषी है? मुख्य अतिथि डॉ. चौधरी ने कहा कि समाज में संस्कारों के विखंडन के कारण अराजकता की स्थिति हो गई है। भारतीय व पाश्चात्य समाज में नारी की स्थिति में भिन्नता है। नारी के प्रति सोच बदलने की आवश्यफकता है।
बाद में घोषित परिणामों में निम्बासर्क बीएड कॉलेज की आकांक्षा दुबे को 2100 रुपए, होम साइंस कॉलेज की निशु कुंवर भाटी को 1500 रुपए एवं निम्बार्क बीएड कॉलेज की रूपल चौहान को 1100 रुपए क्रमश: प्रथम, द्वितीय व तृतीय तथा वीबीआरआई की रश्मि उपाध्याय को 501 रुपए का सांत्व ना पुरस्काकर दिया गया। निर्णायक डॉ. नीतू परिहार, डॉ. कुंजन आचार्य तथा डॉ. हुसैनी बोहरा थे। धन्यवाद अनुराधा मालवीय ने दिया।