किसान भीमराज गमेती का आत्महत्या प्रकरण
Udaipur. चुनाव में अभी देर है लेकिन कोई भी दल कहीं भी चूकना नहीं चाहता। ऐसा ही कुछ सवीना के पूर्व उपसरपंच भीमराज गमेती आत्महत्या प्रकरण में शनिवार को एमबी हॉस्पिटल की मोर्चरी के सामने दिखा।
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को गमेती ने भू माफिया अरिहंत प्रोपर्टी के कालूलाल जैन पर परेशान करने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाते हुए घर में फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इससे आक्रोशित गमेती के परिजनों व आदिवासी समाज के लोगों ने आज सुबह मोर्चरी के बाहर भी जोरदार प्रदर्शन किया। मौके पर कांग्रेस, भाजपा व वामदलों के नेता पहुंच गए। परिजनों का कहना था कि थाने में दर्ज एफआईआर में भू माफिया कालूलाल जैन का नाम शामिल किया जाए। साथ ही जैन पर आत्महत्या के लिए प्रेरित करने, धमकाने, मारपीट, जैन द्वारा क्षेत्र में ली हुई सभी जमीनों की रजिस्ट्री की जांच करवाने तथा मृतक के परिजनों को दस लाख का मुआवजा दिलवाने की मांग की गई।
मौके पर पूर्व विधायक कामरेड नेता मेघराज तावड़, राजेश सिंघवी, भाजपा पार्षद फूलसिंह मीणा, तख्त सिंह शक्तावत, कांग्रेस के सोमेश्वर मीणा, ओमप्रकाश मीणा आदि पहुंचे और किसान की खुदकुशी के मामले में आपस में उलझ पडे़। मोर्चरी के बाहर आदिवासी समाज के लोग काफी आक्रोशित थे। उनका कहना था कि यहां से शव कलक्ट्रेट ले जाकर रखेंगे। अन्यथा जैन के घर पर ही उसकी अंत्येकष्टि करेंगे। इस भीड़ को नेतृत्व के अभाव में समझाना मुश्किल हो गया था। फिर एएसपी तेजराजसिंह, डिप्टी अताउर्रहमान आदि मौके पर पहुंचे और समझाईश की। सिंह ने उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया तब कहीं मामला निपटा।
उधर जन मंच के संयोजक अरूण व्यास एवं पार्षद राजेश सिंघवी ने एक संयुक्त बयान में कहा कि अगर भूमाफिया एवं उनके दलाल भीमराज गमेती को उसकी जमीन का कब्जा नहीं देने पर धमकी नहीं देते तो भीमराज आत्महत्या जैसा कदम नहीं उठाता। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण में पुलिस भी दोषी है, जिन्होंने भूमाफियाओं एवं उनके दलालों द्वारा भीमराज गमेती को नाजायज परेशान कर आतंकित करने पर भी उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की। इसलिए गोवर्धन विलास थाना के दोष पुलिसकर्मियों के विरूद्ध भी कार्यवाही कर उन्हें तत्काल निलम्बित किया जाना चाहिये।