सूर्य नमस्कार का सार्वजनिक प्रदर्शन 18 से
Udaipur. स्वामी विवेकानंद के विचारों को घर घर तक पहुंचाने के लिए सूर्य रथ सप्तमी पर 18 फरवरी से घर घर जनसंपर्क किया जाएगा। इसके लिए उदयपुर शहर को करीब 45 बस्तियों में बांटा गया है जिसके लिए पांच हजार से अधिक कार्यकर्ता अपना योगदान देंगे।
गृह संपर्क जन जागरण (वर्तमान समय की जरूरत) का माध्यम बनेगा। इससे जन साधारण स्वामीजी के विचारों की सामयिक प्रासंगिकता पर व्यवहारिक मंथन कर सकेगा। स्वामी विवेकानंद के विचारों को साहित्य के अतिरिक्तव व्यावहारिक स्वरूप देने के लिए 18 फरवरी से पूरे शहर में 10 से अधिक स्थानों पर सार्वजनिक रूप से सूर्य नमस्कार महायज्ञ (शारीरिक प्रदर्शन) किए जाएंगे। इनमें लगभग हजारों स्कूली व कॉलेज विद्यार्थी भाग लेंगे। मुख्य रूप से यह आयोजन गांधी ग्राउण्ड पर बालकों के लिए व विद्या निकेतन से. 4, पेसेफिक विश्वविद्यालय, बीएन कॉलेज, आरएमवी में बालिकाओं के लिए होगा।
स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि न तो मैं भविष्य में देखता हूं और न ही भविष्य की चिन्ता करता हूं। एक दृश्य मेरे सम्मुख जीवंत है कि हमारी यह प्राचीन भारत माता वापस जागृत हो चुकी है और अपने सिंहासन पर पूर्व से भी अधिक आलोक के साथ विराजमान हैं। स्वामीजी की इच्छाऔ थी कि भारत का युवा आगे आए, उठ खड़ा हो और भारत माता को पुन: विश्वचगुरू के सिंहासन पर आरूढ़ करने के लिए अपनी आहुति दे। वही विचार विजन-2020 में पूर्व राष्ट्रपति ए. पी. जे. अब्दुल कलाम ने युवाओं के समक्ष रखा। उसी कथन और दूर दृष्टि को ध्यान में रखते हुए स्वामी विवेकानंद सार्धशती समिति के हजारों कार्यकर्ता के गृह संपर्क अभियान का श्रीगणेश बसंत पंचमी से हुआ। समिति के संरक्षक राजेन्द्र कोठारी ने समाज के प्रख्यात चिंतक, युवा आदर्श, सामाजिक व आध्यात्मिक वैचारिक नेतृत्व, वैज्ञानिक, आर्थिक, व्यवसायिक तथा क्रीड़ा क्षेत्र के सफल विजेताओं व अन्य लोगों के सम्पर्क करने के लिए विशेष टोली की घोषणा व संपर्क प्रारंभ किया।