आराधना भवन में धूमधाम से हुआ प्रवेश
udaipur. चाहे सारे ग्रंथ रट तू चाहे ईश्वर अल्लाह जप तू, नहीं होगा कल्याण कभी, घर है राग द्वेष की जन्तु से। यह विचार मालदास स्ट्रीट आराधना भवन में धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए आचार्य नित्यानंद सूरिश्वर ने व्यक्त किए।
रविवार को धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए आचार्य ने कहा कि कर्म को किसी की शर्म नहीं चाहे सेठ साहूकार हो, राजा-महाराजा हो चाहे चक्रवर्ती या तीर्थंकर की आत्मा भी क्यों न हो। कर्म किसी का लिहाज नहीं करते। अगर शुभ कर्म करेंगे तो शुभ फल मिलेगा, अशुभ कर्म करेंगे तो अशुभ फल मिलेगा। जैसे कर्म करेंगे वैसा फल भोगना ही पड़ेगा। चाहे पाप कर्म करके धर्म कमाया उसका उपभोग करने में सब सहभागी बन जाएंगे, कर्मों का फल भोगने में कोई सहभागी नहीं बनेगा। कर्मों का फल जिसने किया उसी को भोगना होगा। उन्होंने कहा कि संसार की कोर्ट में तो लालच, रिश्वत देकर हम सच को झूठ और झूठ को सच बना सकते है, लेकिन कर्म की कोर्ट में तो सच सच ही रहेगा और झूठ झूठ ही रहेगा। वहां लालच, रिश्वत काम नहीं आएगी। कर्म के कर्जे से कोई मुक्त नहीं कर सकता। कर्म किसी भी योनि में जन्म लेने के बाद भी तुम्हें नहीं छोड़ेगा। नवकार महामंत्र में वह शक्ति है, जिससे आत्मा का कल्याण हो जाता है। जैन धर्म वैज्ञानिक धर्म है इसमें सभी शक्तियों का समावेश है। मात्र श्रद्धा और विश्वास पैदा करें तो जीवन में निश्चित रूप से चमत्कार पाएंगे। श्रीसंघ के मंत्री कुलदीप नाहर ने बताया कि आचार्यश्री नित्यानंद सूरिश्वर जी एवं मुनि विजयानंद एवं साध्वी श्री रत्नशीला एवं कल्पदर्शीता के साथ हाथीपोल जैन धर्मशाला पहुंचे जहां पर प्राचीन मूर्तियों की आचार्यश्री ने दर्शन-वंदन किया। उसके बाद गाजे-बाजे चतुर्विद संघ के साथ हाथीपोल से मालदास स्ट्रीट आराधना भवन पहुंचे। मार्ग में जगह-जगह श्रावक-श्राविकाओं ने गहुलिये बनाकर आचार्यश्री का स्वागत-अभिनंदन किया। इसके पश्चात आराधना भवन में धर्मसभा आयोजित हुई। धर्मसभा में श्रीसंघ के अध्यक्ष गौतम बी. मुर्डिया ने स्वागत-उद्बोधन दिया। उसके पश्चात आचार्यश्री को कामली ओढ़ाने का लाभ शान्ता देवी इंदर सिंह नाहर परिवार ने लिया। समारोह का संचालन मंत्री कुलदीप नाहर ने ज्ञापित किया। उसके पश्चात आचार्यश्री ने प्राचीन मंदिर चंदाप्रभु पाश्र्वनाथ, कसौटी पाश्र्वनाथ सहित आसपास के प्राचीन जिनालयों के दर्शन-वंदन किए। प्रतिमा को देखकर आचार्यश्री ने कहा कि यह शहर धनी है कि उनके यहां अति प्राचीन और चमत्कारी प्रतिमा है जिन्हें देखकर मन प्रसन्न हो जाता है।