Udaipur. जब जब पुलिस का डंडा चलता है तो व्यापारी अपनी हद में हो जाते हैं। जैसे ही पुलिस का आना बंद हुआ और फिर व्यापारी सड़क तक। ऐसा ही कुछ हो रहा है इन दिनों उदयपुर में।
लगातार कई दिनों तक अतिक्रमणमुक्त शहर के तहत पुलिस का दस्ता रोज आता रहा तो बाजार एकदम साफ हो गए। लगने लगा मानों पुराना उदयपुर बस गया लेकिन जैसे ही पुलिस ने आना बंद किया और व्यापारी वापस वही सड़क तक सामान रखने लगे। जैसे ही पुलिस का दस्ता आया, फिर सामान अंदर। पुलिस भी थक गई कि स्वजागरूकता कब आएगी। क्या शहरवासियों को हंटर की हमेशा जरूरत रहेगी?
सूरजपोल से बापूबाजार, देहलीगेट जैसे मुख्य बाजार तक में अतिक्रमण नहीं थम रहे हैं। यहां शोरूम, दुकानों के बाहर अस्थाई दुकान लगाने वालों को सख्ती से हटाया गया। बापूबाजार में लगभग सड़क पर लगी नाश्ते (कचौड़ी) की दुकान का सामान भी जब्त किया गया। सूरजपोल से उदियापोल मार्ग पर भी दुकानों के सामने हुए अतिक्रमण हटवाए गए। पुलिस एक्ट के तहत मामले भी बनाए गए। दुकानों के बाहर अतिक्रमण कर रहे होर्डिंग्स, गैस, चूल्हे सहित अन्य सामान जब्त किए गए। नो पार्किंग में खड़ी गाडिय़ों के चालान भी बनाए गए।
अतिक्रमण मुक्त शहर अभियान के तहत डीएसपी (पूर्व) अनंत कुमार और यातायात पुलिस उपाधीक्षक महेन्द्रसिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम ने सूरजपोल से कार्रवाई शुरू की। यहां से ठेलों और सड़क पर फल-सब्जी की दुकान लगाए बैठे लोगों को हटाया गया। यह देख बापूबाजार के कई व्यापारियों ने दुकानों के बाहर सड़क पर फैला रखा सामान समेट लिया। इसके बाद यातायात निरीक्षक नारायणसिंह और एसआई हेमंत कुमार के नेतृत्व में जाब्ते ने फतहसागर किनारे अतिक्रमण हटवाए। झील की तरफ खड़ी गाडिय़ों को हटवाने के साथ चालान भी बनाए। पुलिस की सख्ती पर कुछ व्यापारियों ने कार्रवाई का विरोध भी किया।