पिंकसिटी थीम पर आधारित होगा मेला
Udaipur. राज्य सरकार के ग्रामीण गैर-कृषि विकास अभिकरण (रूडा) एंव विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) भारत सरकार, नई दिल्ली के तत्वावधान में दस दिवसीय राष्ट्रीय क्राफ्ट मेला ‘गांधी शिल्प बाजार 2013’ का उद्घाटन कल शाम 6 बजे टाउनहाल में नगर परिषद सभापति रजनी डांगी करेंगी जबकि विशिष्टक अतिथि सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आई. वी. त्रिवेदी होंगे।
मेला 22 फरवरी से 3 मार्च तक चलेगा। मेले में देश के विभिन्न प्रान्तों के 150 से अधिक हस्तशिल्पी स्टॉलों के जरिए अपनी कलाकृतियों का प्रदर्शन करेंगे। रूडा के कार्यकारी निदेशक जेड. ए. खान ने आज पत्रकार वार्ता में बताया कि गत वर्ष आयोजित शिल्प बाजार की सफलता को देखते हुए इस वर्ष फिर से मेला लगाने का निर्णय किया गया। मेले में प्रवेश नि:शुल्क रहेगा। प्रतिदिन दोपहर 1 से रात्रि 9 बजे तक चलने वाले इस मेले में विभिन्न राज्यों के 150 से अधिक स्टॉलों पर हस्तशिल्पी व दस्तकार अपनी कलाकृतियों का प्रदर्शन करेंगे। इसमें उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र , आसाम, उड़ीसा, जम्मू कश्मीर, कर्नाटक, केरल, राजस्थान, हरियाणा आदि स्थानों के दस्तकार भाग लेंगे जो अपनी अनूठी कलात्मक शैली के उत्पाद एवं कलाकृतियां साथ लेकर आये है।
उन्होनें बताया कि इसमें बेजोड़ कलाकृतियां, रंग-बिरंगे परिधान, बांस व बेंत के फर्नीचर, लखनऊ के चिकन परिधान, तिरुपति का काष्ट कार्य, सिल्क साडिय़ां, पोकरण का टेराकोटा, कश्मीर के पश्मीना शॉल, गुलाबी नगरी की ब्लू पॉटरी, सहारनपुर का फर्नीचर, खुर्जा की पॉटरी, बनारस की साडिय़ां, राजघराने की परंपरागत हस्तीछपाई, कुंभकारी कला, चमड़े व पत्थर की कलात्मक वस्तुओं का प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मेले का आयोजन केन्द्र सरकार के विकास आयुक्त (हस्त़शिल्प ) के सौजन्य से विभिन्न राज्यों में किया जाता है। इसके तहत पंजीकृत हस्तुशिल्पियों को वर्ष भर अलग अलग स्थानों पर बिक्री बाजार का आयोजन कर विपणन सहायता उपलब्ध कराई जाती है। इस वर्ष भी मेलार्थियों के लिए फूड जोन एंव बच्चों के लिए अलग से किड जोन की व्यवस्था की गई है। उन्होनें बताया कि उदयपुर में मेले को आकर्षक बनाने के लिए इस बार मेला पिकंसिटी थीम पर आधारित होगा। चारों ओर गुलाबी रंग ही दिखाई देगा। केन्द्र सरकार के हस्तशिल्प विभाग के सहायक निदेशक अशोक मीणा ने बताया कि मेले के समापन पर 3 मार्च को उत्कृष्ट स्टॉल एवं उत्कृष्ट दस्तकारों को पुरस्कृत किया जाएगा। राष्ट्रीय स्तर के इस मेले में सांस्कृतिक समरसता एवं राष्ट्रीय भावनात्मक एकता के साथ देश भर के दस्तकार समूहों की अनुपम दस्तकारी का अनूठा संगम देखने को मिलेगा।