भारतीय लोककला मंडल का स्थापना दिवस
Udaipur. भारतीय लोक कला मण्डल के 62 वें स्थापना दिवस एवं नवें पद्मश्री देवीलाल सामर नाट्य समारोह का आगाज शुक्रवार को गुजरात के प्रसिद्ध लोक नृत्यों की शानदार प्रस्तुतियों के साथ हुआ।
संस्था के व्यवस्था सचिव गोवर्धन सामर ने बताया कि आरंभ गुजरात की प्रसिद्ध संस्था रंजनी आर्ट्स, राजकोट की निर्देशिका नीपा दवे के निर्देशन में शानदार नृत्य प्रस्तुतियों से हुआ। उन्होंने बताया कि समारोह द परफोरमर्स संस्था के संयुक्त तत्वावधान में मनाया जा रहा है।
आरम्भ में मुख्य अतिथि संस्था के मानद सचिव रियाज तहसीन का स्वागत व्यवस्था सचिव गोवर्धन सामर व द परफोरमर्स की निदेशिका अनुकम्पा लईक ने माल्यार्पण कर किया। मुख्य अतिथि रियाज तहसीन ने स्व. सामर सा. की तस्वीर पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। रियाज तहसीन ने कला मण्डल की 61 वर्षों की कला यात्रा से अवगत् कराया। रंजनी आर्टस, राजकोट के कलाकारों ने ‘जाग धरा जाये त्रिभुवन सारे, भक्ति भरे गायन व नृत्य प्रस्तु्त किया। इसके पश्चात् गुजरात के प्रसिद्ध लोक नृत्य गूंजे शहनाई हाले, हामटा रे हामटा, चांदो उग्यो चौक मां, मथुरा में वागी मुरली, वेणूना वायरा, जय जय अम्बे मॉं, शिवाजीनु हालरडु एवं काठियावाड़ की आकर्षक प्रस्तुतियां हुई जिन्हें दर्शकों ने खूब सराहा। अन्त में सामर ने धन्यवाद एवं सभी दर्शकों एवं आगन्तुक मेहमान कलाकारों का आभार व्यक्त किया। संचालन शकुन्तला सरूपरिया ने किया।