udaipur. मेवाड़ के करेड़ा पार्श्वनाथ तीर्थ पर गच्छाधिपति शान्तिदूत आचार्य नित्यानंद सूरिश्वर ने दर्शन-वंदन कर पूरे मंदिर का अवलोकन किया। आचार्य के करेड़ा पाश्र्वनाथ पहुंचने पर ट्रस्ट द्वारा उनका भावभीना स्वागत किया गया।
जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक करेड़ा तीर्थ ट्रस्ट के अध्यक्ष दिवान सिंह बापना ने बताया कि गच्छाधिपति शान्तिदूत आचार्य नित्यानंद सूरिश्वर जी विहार करते हुए आज करेड़ा पाश्र्वनाथ पहुंचे। अध्यक्ष के नेतृत्व ट्रस्ट के ट्रस्टी अनिश कोठारी, श्रेणिक मनावत, तेज सिंह दोशी, श्री जैन श्वेताम्बर महासभा के मंत्री कुलदीप नाहर, चतर पामेचा के साथ सैंकड़ों श्रावक-श्राविकाओं ने आचार्यश्री का अभिनंदन किया। उन्हें धूमधाम से करेड़ा पाश्र्वनाथ मंदिर ले जाया गया जहां पर आचार्यश्री ने सामूहिक रूप से चैत्य वंदन किया और मंदिर में दर्शन-वंदन करने के बाद मंदिर के पूरे कार्यकलाप को देखा व अवलोकन किया। इसके बाद मंदिर की धर्मशाला, भोजनशाला का भी अवलोकन किया। इसके पश्चात आयोजित धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए शान्तिदूत आचार्य नित्यानंद सूरिश्वर जी ने कहा कि मन में मंदिर होता है वही सच्चे मन से ईश्वर की आराधना कर सकता है। कल का दिन किसने देखा, आज का दिन क्यों खोए। जिन घडिय़ों में पुण्य कमाना है उन घडिय़ों को क्यों खोए। जो दौलत से अमीर होता है वह भीतर से गरीब होता है। खुशनसीब तो वह होता है जो परमात्मा के नजदीक होता है। उन्होंने कहा कि वैसे तो लक्ष्मी को चंचल माना है, लक्ष्मी किसी के यहां स्थिर वास स्वीकार नहीं करती लेकिन जो तीर्थों के विकास में अपनी संपत्ति का सदुपयोग करते हैं उनके घर लक्ष्मी स्थिर वास स्वीकार करती है। दुनिया में खाली हाथ आया है खाली हाथ जायेगा। साथ जायेगा तो केवल पुण्य और पाप। महासभा के मंत्री कुलदीप नाहर ने बताया कि आचार्यश्री शाम को विहार कर कपासन पहुंचे जहां पर कपासन ट्रस्ट की ओर से आचार्यश्री का स्वागत किया। कल आचार्यश्री चित्तौड़ के लिए विहार करेंगे जहां पर वे जैन मंदिरों के अलावा चित्तौड़ दुर्ग पर स्थित मंदिरों में दर्शन, वंदन कर अवलोकन करेंगे।