Udaipur. 25 वर्षीय बसंती गमेती निवासी उदयपुर जिसकी 5 वर्ष की आयु में ही दोनों आंखें खराब हो गई थी। समय पर इलाज नहीं होने के कारण दोनों आँखों से नहीं देख पाने का दुख बसंती को रहा। बाल्यावस्था में ही माता-पिता का निधन एवं एक भाई व दो बहनों की जिम्मेदारी का निवर्हन बसंती ने किया।
रहने के लिए एक कमरा। दिखाई नहीं देने के बावजूद हिम्मत कूट-कूटकर भरी है। आंखों के अभाव में स्वयं द्वारा स्टोव पर खाना बनाना, बर्तन एवं कपड़े धोने आदि नित्य कार्य करना बसंती के जीवन का लक्ष्य बन गया है। तारा संस्थान द्वारा चलाई जा रही गतिविधियों में तृप्ति योजना के अन्तर्गत बसंती को प्रतिमाह 300 रु. की सहायता राषि एवं भोजन सामग्री का वितरण नियमित रूप से किया जा रहा है। तारा संस्थान की संस्थापक अध्यक्ष कल्पना गोयल ने बताया कि संस्थान द्वारा निर्धन एवं गरीब वर्ग की विधवाओं एवं परित्यक्ता महिलाओं को नियमित रूप से भोजन सामग्री एवं सहायता राषि का नियमित भुगतान किया जा रहा है। काफी संख्या में महिलाएँ इन योजनाओं का लाभ उठा रही हैं। इसके साथ ही संस्थान द्वारा वृद्धों के पुनर्वास हेतु वृद्धाश्रम की स्थापना एवं निर्धन एवं गरीब वर्ग के लोगों के मोतियाबिन्द के ऑपरेषन निःषुल्क रूप से उदयपुर व दिल्ली स्थित हॉस्पिटलों में किये जा रहे हैं। हजारों की संख्या में लोग संस्थान की गतिविधियों का लाभ उठा रहे हैं।