पेसिफिक विश्वविद्यालय में दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन
Udaipur. पर्यावरण व विकास का समन्वयक अत्यंत आवश्यक है। एनर्जी के नए आयामों के शोध की आज काफी जरूरत है। ये विचार पेसिफिक विश्वविद्यालय के फेकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन ‘इन्टीग्रेशन ऑफ इंजिनियरिंग विद इन्वायरमेन्ट डवलपमेंट एवं सस्टेनेबिलिटी‘ के उदघाटन समारोह में उभरकर आए।
मुख्य अतिथि के रूप में बीएसएनएल के महाप्रबंधक आर. एन. माथुर ने कहा कि निगम ने घरेलू उपभोक्ताओं को भी ऑप्टिकल फाइबर कम्यूनिकेशन द्वारा नेटवर्क कनेक्टिविटी हेतु अतुलनीय काम किया है। अध्यक्षता करते हुए सीटीएई के अधिष्ठाता प्रो. एन. एस. राठौड़ ने एनर्जी स्टोरेज, एनर्जी जनरेशन एवं नए रिर्सोसेज के विषय पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर पेसिफिक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी. डी. रॉय ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में विभिन्न शोध पत्र समानान्तर तकनीकी सत्रों में प्रस्तुत किए गए।
देश के ख्यातनाम विशेषज्ञों ने विषय को सारगर्भित परिपेक्ष्य में प्रस्तुत किया गया, जिससे श्रोताओं को प्रौद्योगिकी व पर्यावरण के सम्मिलित विकास के बारें में विस्तृत जानकारियां मिली। विषय से संबधित 40 शोध-पत्र पढ़े गए। सभी शोध अपने-अपने स्तर पर प्रशंसनीय एवं ज्ञानवर्धक थे। आने वाली युवा पीढ़ी को समय के साथ हो रहें बदलावों में मानव जाति को व्यवस्थित रखने की दिशा में बहुत प्रेरणास्पद रहे। तकनीकी सत्र में की-नोट स्पीकर प्रो. शर्मा ने भवन निर्माण के बाद दरारें पड़ने और उनके कारण तथा स्टील में जंग लगने और उसके नियंत्रण के बारे में जानकारी दी। तकनीकी सत्रों में देश के विभिन्न एनआईटी एवं अभियान्त्रिकी महाविद्यालय के वक्ता शामिल हुए और उन्होने अभियान्त्रिकी शाखाओं के विकास का पर्यावरण के साथ सम्बन्ध पर प्रकाश डाला।
पेसिफिक के कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के डीन प्रो. आर. ऐरन के अनुसार यह सम्मेलन पर्यावरण और विकास में संतुलन बनाए रखने के नए आयामों को स्पष्ट करेगा और विकास के मार्ग में मील का पत्थर साबित होगा। इस अवसर पर प्रो. के. के. छाबड़ा, प्रो. एस. के. शर्मा, प्रो. तनवीर अहमद काजी तथा पेसिफिक विश्वविद्यालय के विभिन्न निदेशक उपस्थित थे।