udaipur. होली पर्व के मद्देनजर महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन उदयपुर के तत्वावधान में आयोजित होली उत्सव के तहत शनिवार शाम माणक चौक में दिल्ली की कत्थक कलाकार स्वाति सिन्हा द्वारा होली के राग-रंगों के साथ प्रस्तुति दी। विशिष्ट अतिथि लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ एवं उनकी माता विजयराज कुमारी मेवाड़ थे। स्वाति सिन्हा प्रसिद्ध कत्थक कलाकार श्री राजन गंगानी की शिष्या है।
अत्याधुनिक तकनीक के साथ मंच के चहुंओर सजी लाईटों के विभिन्न रंगों के इफेक्ट्स के बीच स्वाति सिन्हा ने गुलाल के विभिन्न रंगों पर आधारित संरचना नृत्य रंग प्रस्तुत की। हर रंग का अपना अस्तित्व व भाव होता है। जैसे कि नीले रंग को ध्यान से, हरे को संपोषण से, पीले को उर्जा से, गुलाबी को आशा से, भगवे रंग को भक्ति से और लाल को प्रेम से जोड़ा गया।
स्वाति ने प्रथम संरचना भक्त प्रहलाद की विष्णु पूजा एवं होलिका दहन की कथा पर प्रस्तुत की। जीवन सदा चलता रहता है और कई रास्तों से गुजरता हुआ एक जीवन समाप्त होता है तो दूसरा शुरू। हरे रंग के भाव को कदम्ब के पेड़ के माध्यम से दर्शाया गया। कत्थक नृत्य गति और उर्जा से ओत-प्रोत है और यही भाव पीले रंग द्वारा दर्शाया गया। राजस्थानी परंपरा में मांड जिसमें नायिका नायक के आने का इंतजार करती है व मीरा भजन प्रस्तुत किया गया। सूरदास जी की रचना के माध्यम से बृज की होली प्रस्तुत की गई।
स्वाति सिन्हा के साथ में दीक्षा गुप्ता, शालिनी, वांडा चियू, मुजफ्फर, मनोज सोनगरा, मानवेन्द्र सिंह ने नृत्य प्रस्तुति दी। संगीत में तबले पर जोहेब खान, गायन में ब्रिज मोहन परिहार, सितार पर लाविण्य कुमार, बांसुरी पर रोहित प्रसन्ना ने संगत की।
कार्यक्रम की शुरूआत में श्रीमती विजयराज कुमारी मेवाड़ ने दीप प्रज्वलित किया। कार्यक्रम के अंत में लक्ष्यराज सिंह मेवाड़, श्रीमती विजयराज कुमारी मेवाड़ ने स्वाति सिन्हा एवं अन्य साथी कलाकारों को सरोपाव भेंट किया। महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर के उपसचिव प्रशासन भूपेन्द्र सिंह आउवा ने बताया कि 24 मार्च रविवार को प्रात: 5.30 बजे सिटी पैलेस के खुशमहल प्रांगण में पंडित रामकृष्ण बोस द्वारा संतूर वादन किया जाएगा। इनके साथ हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत ममता शर्मा प्रस्तुत करेंगी। रविवार शाम को माणक चौक में ही होरी गीत एवं ठुमरी पर भावभीनी प्रस्तुति शास्वती मण्डल पॉल द्वारा दी जाएगी। इन कार्यक्रमों में प्रवेश निमंत्रण पत्र के माध्यम से ही संभव होगा।