पेसिफिक में दो दिनी संगोष्ठी का समापन
Udaipur. वर्तमान आर्थिक अस्थिरता के दौर में आज वैश्विक वित्तीयय ढांचा भी चरमराने की स्थिति में पहुंच गया है। वर्ष 2008 के वैश्विक वित्तीयय संकट एवं हाल ही में चल रहे यूरो जोन के सार्वजनिक ऋण की समस्या के आगे वैश्विक वित्तीय ढांचे के सभी घटक अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक, इकोनोमिक स्टेबिलिटी मैकेनिज्म, जी 7, जी 20 आदि के संसाधन अपर्याप्त सिद्ध हो रहे है।
यह बात आज पेसिफिक विश्वविद्यालय के प्रबन्ध संकाय द्वारा आयोजित ’’मेनेजिंग चेंज इन बिज़नेस एण्ड इकोनॉमी’’ शीर्षक पर आयोजित संगोष्ठी में उभर कर आई। समापन समारोह में पेसिफिक यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेन्ट डॉ. भगवानदास राय ने कहा कि आज के वैश्वीकरण के दौर में प्रत्येक राष्ट्र को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थान बनाने के लिये सभी क्षेत्रों के उद्यमों का विकास करने के साथ-साथ शिक्षण संस्थानों की गुणवत्ताा बढ़ाने हेतु पूर्ण ध्यान देना होगा। मुख्य अतिथि आरपीएससी के सदस्य पी. के. दशोरा ने संगोष्ठी के सफल आयोजन पर बधाई देते हुए कहा कि परिवर्तन ही जीवन का नियम है। बदलते परिवेश में स्थिर अर्थव्यवस्था बनने के लिये भारत को अपनी प्रबन्धकीय पद्धतियों में परिवर्तन करने होंगे। प्रबन्धन की नई पद्धतियों को स्वीकार करना ही आज के परिवर्तनशील वातावरण में सफलतम सिद्ध हो सकता है। वृहद्ध स्तर पर आयोजित इस संगोष्ठी में प्रबन्धकीय विकास हेतु 21 क्षेत्र के कई तकनीकी सत्र सम्पन्न हुए, जिसमें 850 शोध पत्रों का वाचन किया गया एवं सर्वश्रेष्ठ शोध पत्र प्रस्तुत करने वाले शोधार्थियों को पुरस्कृत भी किया गया। संगोष्ठी में वाचित प्रत्येक शोध पत्र के निष्कर्षों का नियमित प्रकाशन किया जाएगा। संगोष्ठी के दूसरे दिन 10 तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया जिनकी अध्यक्षता विभिन्न प्रबन्ध संस्थानों एवं व्यावसायिक क्षेत्र के बुद्धिजीवियों द्वारा की गई। मार्केटिंग तकनीकी सत्र में प्रो. पी. के. शर्मा, ऑपरेशन एवं प्रोडक्शन मैनेजमेन्ट में प्रो. जनत शाह, एनवायरमेन्ट में प्रोफेसर डी. एस. चुण्डावत, इकोनोमिक पॉलिसी में प्रो. उत्तरम किनांगे एवं प्रो. सुनिता तँवर, इन्फोरमेशन एण्ड कम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी में प्रो. विजय पागे, फाइनेन्शियल मार्केट में प्रो. एस. के. व्यास, एकांउटिंग में प्रो. जी. सोरल एवं एन्टरप्रेन्योरशिप में अंशु कोठारी ने अध्यक्षता की।
समापन सत्र में आयोजन सचिव प्रो. महिमा बिरला ने धन्यवाद ज्ञापित किया। पेसिफिक विश्वविद्यालय के प्रो-प्रेसिडेन्ट प्रो. भगवती प्रकाश शर्मा ने सम्बोधित किया कि प्रबन्ध के क्षेत्र में अनुसंधान को बढ़ावा देना प्रत्येक विश्वविद्यालय का प्रमुख कर्तव्य हैं एवं पेसिफिक विश्वविद्यालय इसी श्रृंखला में समय-समय पर इस प्रकार की संगोष्ठियों का आयोजन करने के लिये प्रतिबद्ध है।