किरोड़ी समर्थकों को यात्रा में देखकर भड़के, झलकी गुटबाजी
Udaipur. किरोड़ीलाल मीणा के साथ रहने और उनका साथ देने वाले कार्यकर्ताओं को वसुंधरा की सुराज संकल्प यात्रा में देखकर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष एवं शहर विधायक गुलाबचंद कटारिया आक्रोशित हो उठे और एकबारगी उन्होंने यात्रा से दूर होने की चेतावनी भी दे दी। हालांकि इसके बावजूद ये कार्यकर्ता यात्रा में साथ ही रहे।
मामला कुछ इस तरह बताया जाता है कि केसरियाजी स्थित गेस्टि हाउस में सोमवार सुबह वसुंधरा अपने कमरे में तथा कटारिया अपने कमरे में थे। वहां बाहर किरोड़ी मीणा के समर्थक ललित तलेसरा, नीरज अग्निहोत्री, रूपेश जैन आदि कार्यकर्ताओं के साथ बैठे थे। कटारिया इन्हें देखकर बाहर आए और भड़क उठे। उन्होंरने कहा कि तीनों किरोड़ी समर्थक हैं। यहां क्याब कर रहे हैं। इस पर तलेसरा ने कहा कि उन्हें भाजपा का कोई निष्का्सन पत्र प्राप्तक नहीं हुआ है। वे भाजपा कार्यकर्ता हैं। तलेसरा ने किरोड़ी से सम्बन्धों को पारिवारिक बताया। इस के बाद कटारिया ने वसुंधरा को शिकायत की। इस पर उन्होंने बुलवाया। कटारिया ने नीरज को फाइनेंसर एवं तलेसरा को किरोड़ी की सभाओं का आयोजक बताया। वसुंधरा ने इनसे जवाब तलबी की। इस पर उन्होंने कहा कि किरोड़ी से सम्बान्धे भाजपा सरकार से पूर्व से ही हैं। कलक्ट्रेट में जब किरोड़ी आदिवासियों के लिए धरने पर बैठे थे तब पार्टी के निर्देश पर ही उनके साथ गए थे। स्वियं कटारिया रैली के रूप में कलक्ट्रे ट पहुंचे थे। कटारिया ने स्वयं किरोड़ी के साथ बैठकर आंदोलन में सहयोग दिया था। बताते हैं कि तलेसरा ने कहा कि अगर हम पार्टी विरोधी हैं तो इस अर्थ से कटारिया भी विरोधी हुए। इस पर कटारिया भड़क गए और उन्होंने इन लोगों के यात्रा में शामिल होने पर स्वीयं के यात्रा से अलग होने की चेतावनी दे दी। ये सभी यात्रा में वसुंधरा के साथ ही रहे। वसुंधरा ने बाद में सांसद भूपेन्द्र यादव को बुलाया और कहा कि देखो इस मामले को। क्या हो रहा है। यादव पूछताछ करके वहां से निकल लिए। उन्हें भी कुछ नहीं सूझा।
गोगुंदा में भी हुई थी तनातनी : जानकारों के अनुसार ये तीनों कार्यकर्ता गोगुंदा में भी यात्रा में शामिल थे। शहर जिला के मीडिया प्रभारी से भी उस समय इनकी तनातनी हो गई थी लेकिन मौके को देखकर वहां से निकल गए।
अब भी गुटबाजी : कहने को भले ही भाजपा उपरी तौर से एक हो गई है लेकिन रह रहकर जो वाद-विवाद उभरकर आ रहे हैं, उससे लगता है सिर्फ चुनाव तक ही एका है। चाहे वह गोगुंदा में कटारिया व उनके विरोधियों के बीच हो या यहां कटारिया व इन कार्यकर्ताओं के बीच हो या कटारिया –किरण में हो।
फिर यहां से यात्रा निकली जो सलूम्बर, सराड़ा, लसाडि़या, चावंड में महाराणा प्रताप स्मारक के दर्शन कर नमन किया।