– वसुंधरा सहित मंचासीन अन्यी अतिथियों का माल्यानर्पण कर स्वागत करने के लिए माइक से लोकेश द्विवेदी इतनी तेजी से नाम लेते गए कि पता चला कि मालाएं तो 20 मंगवाई गई और वे नाम करीब 50 से अधिक के बोल गए।
– निर्धारित समय से करीब साढे़ तीन घंटे देरी से पहुंची वसुंधरा का लोगों ने फूल बरसाकर भव्य स्वागत किया।
– सुरक्षा कारणों से कई कार्यककर्ता व पदाधिकारी तो मंच पर चढ़ ही नहीं पाए।
– गुटबाजी का आलम यह कि कटारिया विरोधी सिर्फ किरण माहेश्वरी मंच पर नजर आईं। इनका एक भी समर्थक सभा में नहीं दिखा।
– अपने अपने अनुसार सभी ने शहर में वसुंधरा का स्वागत कर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने का प्रयास अवश्य किया। किरण समर्थक गोविंद दीक्षित ने सेवाश्रम चौराहे पर तो ताराचंद जैन, पूर्व सभापति रविन्द्र श्रीमाली, उपमहापौर महेन्द्रसिंह शेखावत, राजेश वैष्णव, अर्चना शर्मा, अनिल सिंघल, सुषमा कुमावत आदि ने हाथीपोल पर यात्रा का स्वागत किया।
– वसुंधरा के आगमन के दौरान ही राजस्थानी लोकगीत के आधार पर बनाए गए पैरोडी गीत पर हर कोई झूम उठा। पूरा पांडाल उठ खड़ा हुआ और झूमने लगा।
– किरण माहेश्वरी के कहने पर कुंतीलाल जैन को वसुंधरा को पानी पीने के लिए गिलास लाने पडे़। जैन ट्रे में पानी के गिलास रखकर वसुंधरा के पास ले गए।
– वसुंधरा के आने से पहले जाती जनता को देखकर प्रमोद सामर ने एक बार मेवाड़ी में बातें कर जनता को रोकने का प्रयास किया।
– काफी देर तक इंतजार करने के बाद पहुंची वसुंधरा, गडकरी आदि नेताओं को बीच बीच में से उठकर ग्रामीण महिलाओं को जाते हुए भी देखना पड़ा। इसे देखकर भाजपा, महिला मोर्चा व युवा कार्यकर्ता हाथ जोड़कर कुछ देर और बैठने की मिन्नेतें करते देखे गए।
– पार्षद झमकलाल जैन सहित महिला मोर्चा की कार्यकर्ता तो उठकर जनता के बीच ही चले गए और महिलाओं को जबरन भी बिठाने का प्रयास करने लगे।
– होचपोच और भीड़भाड़ के माहौल में विभिन्न समाजों की ओर से वसुंधरा का अभिनंदन तरीके से नहीं हो पाया। कुछ समाजजन आक्रोशित होकर माला व उपरणा वहीं फेंक गए। जिनका नाम लिया, वे मंच तक पहुंच ही नहीं पाए।
– मंच से विभिन्न समाजों के नाम ही लिए जा रहे थे तब तक वसुंधरा मंच से नीचे उतर गई थीं। बाद में शहर जिलाध्यक्ष दिनेश भट्ट ने माइक से समाजजनों से माफी भी मांगी।
– वक्ताओं के भाषण के बीच-बीच एक ग्रामीण युवा बार बार शंख बजाकर ध्यान आकृष्ट कर रहा था तब उसे किरण माहेश्वरी ने हाथ से इशारा कर बंद करने को कहा।