खनिज धातु उत्पादन में बनाया कीर्तिमान
विस्तार योजना से करेगा 20 प्रतिशत अधिक खनित धातु का उत्पादन
चौथी तिमाही एवं वार्षिक वित्तीय परिणामों की घोषणा
Udaipur. वेदान्ता समूह की कंपनी हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड ने 31 मार्च, 2013 को समाप्त वित्तीय वर्ष तथा इसी वर्ष की चौथी तिमाही के परिणामों की घोषणा की। कंपनी के निदेशक मण्डल ने 75 प्रतिशत लाभांश की सिफारिश की है जो वित्तीय वर्ष में कुल 155 प्रतिशत है।
हिन्दुस्तान ज़िंक के चेयरमैन अग्निवेश अग्रवाल ने बताया कि कंपनी ने सर्वाधिक धातु उत्पादन तथा लाभ अर्जित किया है तथा शेयरहोल्डर्स को सर्वाधिक लाभांश की घोषणा की है। साथ ही हमारा सर्वाधिक ध्यान समन्वेषण कार्यकलापों द्वारा कंपनी की भावी विस्तार योजनाओं को सम्पन्न कर उत्पादन लागत में कमी लाने पर है।
कंपनी की प्रमुख उपलब्धियों में वित्तीय वर्ष 2013 एवं चौथी तिमाही में रिकॉर्ड खनिज धातु उत्पादन में क्रमश: 16 एवं 5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। रिकॉर्ड एकीकृत चांदी उत्पादन में क्रमश: 20 तथा 36 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। संसाधन एवं आरक्षित अयस्क भण्डार 348.3 मिलियन टन है जिसमें 24.6 मिलियन मीट्रिक टन जस्ता-सीसा धातु विद्यमान है। कंपनी का चौथी तिमाही के दौरान रिकार्ड खनित धातु उत्पादन 260,000 टन तथा वित्तीय वर्ष 2013 में 870,000 टन रहा जबकि गतवर्ष इसी समान अवधि में क्रमषः 223,000 टन तथा 830,000 टन था। वित्तीय वर्ष के दौरान उत्कृष्ट निष्पादन कंपनी की खदान परियोजनाओं के सफलतापूर्वक संचालन से हुआ।
चौथी तिमाही के दौरान एकीकृत रिफाइन्ड जस्ता धातु का उत्पादन 181,000 टन रहा। कंपनी ने चौथी तिमाही के दौरान रिफाइन्ड सीसा धातु का उत्पादन 32,000 टन तथा वित्तीय वर्ष 2013 में 107,000 टन किया जो गत वर्ष की इसी समान अवधि की तुलना में क्रमश: 2 प्रतिशत तथा 20 प्रतिशत अधिक है। कंपनी का चौथी तिमाही एवं वित्तीय वर्ष 2013 में एकीकृत चांदी धातु उत्पादन क्रमश: 117 टन तथा 408 टन हुआ जो क्रमश: 33 प्रतिशत तथा 69 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2013 एवं चौथी तिमाही में क्रमश: 12,526 करोड़ रु. का राजस्व अर्जित किया जो गतवर्ष की इसी समान अवधि की तुलना में 11 प्रतिशत अधिक है। कंपनी ने वित्तीय वर्ष में 6,899 करोड़ रु. का शुद्ध लाभ अर्जित किया है जो गतवर्ष की इसी समान अवधि की तुलना में 25 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। कंपनी ने वित्तीय वर्ष की चौथी तिमाही में 3,850 करोड़ रु. का राजस्व तथा 2,166 करोड़ रु. का शुद्ध लाभ अर्जित किया है । हिन्दुस्तान जिंक अपने खनिज धातु उत्पादन क्षमता में 20 प्रतिषत बढ़ोतरी की ओर अग्रसर है जिससे कंपनी की उत्पादन क्षमता 12 लाख टन हो जाएगी ।
कम्पनी के निदेशक मण्डल ने चालू वित्तीय वर्ष के लिए 75 प्रतिशत लाभांश घोषित किया जो 2 रूपये के प्रति इक्विटी शेयर पर 1.50 पैसे होगा। इस प्रकार वित्तीय वर्ष 2013 में कुल लाभांष 155 प्रतिशत हो गया है जो 3.10 पैसे प्रति शेयर है तथा कंपनी के इतिहास में अब तक का सर्वाधिक लाभांश है। कंपनी के लगातार चल रहे समन्वेषण कार्यकलापों के फलस्वरूप अयस्क भण्डारों एवं संसाधनों में वृद्धि हुई है। 31 मार्च, 2013 को कुल संसाधन एवं आरक्षित अयस्क भण्डार 348.3 मिलियन टन है, जिसमें 35.1 मिलियन टन जस्ता-सीसा धातु एवं 910 मिलियन आऊंस चांदी विद्यमान है, खदानों की आयु 25 वर्ष है तथा खदानों में लगातार उत्पादन जारी है।
हिन्दुस्तान जिंक विश्वट का सबसे बड़ा एकीकृत जस्ता उत्पादक है और भारत में चांदी का सबसे बड़ा उत्पादक के साथ दुनिया में अलौह धातु क्षेत्र उत्पादन में भारत का नेतृत्व भी करता है। हिन्दुस्तान ज़िंक भारत की जिंक आपूर्ति पर 85 प्रतिषत नियत्रंण रखता है। विनिवेश के पश्चात् हिन्दुस्तान जिंक का उत्पादन 170,000 टन से बढ़कर आज 10 लाख टन हो गया है। कंपनी के पास अभी 25 साल तक के सुरक्षित खनिज भण्डार है। कंपनी विनिवेश के उपरान्त खदानों, स्मेल्टर्स, केप्टिव पावर, चांदी और पवन ऊर्जा क्षेत्र में 12,000 करोड़ रु. का निवेष कर तीन बड़ी परियोजनाओं का सफलतापूर्वक विस्तार किया है।