Udaipur. कृषि प्रसार शिक्षा में प्रभावी अनुसंधान हेतु एक दिवसीय कार्यशाला प्रसार शिक्षा निदेशालय, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर में हुई। इसमें राजस्थान से 40 कृषि प्रसार वैज्ञानिकों ने भाग लिया। मुख्य अतिथि कुलपति प्रोफेसर ओ. पी. गिल ने बताया कि परिप्रेक्ष्या में प्रसार शिक्षा शोध के नये आयामों को जोड़ना होगा। इससे राज्य के कृषक परिवारों को फायदा मिलेगा।
बीकानेर कृषि विश्वविद्यालय के निदेशक डॉ. पी. एन. कल्ला ने बताया कि अनुसंधान पूर्व हमारे वैज्ञानिकों को कृषकों की आवश्यकता निर्धारित करनी होगी। साथ ही अनुसंधान एवं प्रसार के बीच के अन्तर को कम करने का आह्वान किया। प्रसार शिक्षा निदेशालय के निदेशक डॉ. आई. जे. माथुर ने बताया कि प्रसार शिक्षा वैज्ञानिकों को विभिन्न विकास कार्यक्रमों का प्रभावी आंकलन कर अनुसंधान की आवश्यकता है। समन्वयक डॉ. एन. के. पंजाबी विभागाध्यक्ष प्रसार शिक्षा ने बताया कि ऐसे ब्रेन स्टोर्मिंग सत्र देश के 23 केन्द्रों पर आयोजित किए गए हैं। कार्यशाला में विभिन्न आयामों पर मंथन कर पारित अनुशंसाएं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् को भेजी जाएगी जिससें राष्ट्रीय स्तर पर प्रसार शिक्षा के अनुसंधान की दिशा निर्धारित की जाएगी। अंत में डॉ. चितरंजन शर्मा ने आगन्तुकों को धन्यवाद दिया।