राजस्थान किसान आयोग के साथ म.प्र. कृषि विश्वविद्यालय की बैठक
Udaipur. राजस्थान किसान आयोग के अध्यक्ष नारायण सिंह ने कहा कि किसानों के लिए नवीनतम कृषि जानकारी, प्रशिक्षण, वित्तीय प्रबन्धन, रियायती दर पर बीज व विभिन्न विभागों में उचित तालमेल की आवश्यकता है।
वे बुधवार को महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्व्विद्यालय के सचिवालय में आयोग के सदस्यों व विश्वविद्यालय के शीर्ष अधिकारियों के मध्य विशेष बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लघु व सीमान्त किसान को बारम्बार सूखा, मृदा का घटता पोषण स्तर, सिंचाई जल की कमी, क्षेत्र की आवश्यकतानुरूप उन्नत व पर्याप्त बीज की कमी, समय पर फसल के विपणन व उचित मूल्य की कमी, प्राकृतिक विपदा के समय उचित क्षतिपूर्ति की कमी के साथ-साथ समय पर उचित मार्गदर्शन की कमी से जूझना पड़ता है।
राजस्थान किसान आयोग के अध्यक्ष नारायण सिंह व महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ओ. पी. गिल ने बैठक को संबोधित किया।
कुलपति प्रो. ओ. पी. गिल ने बताया कि बैठक मे विश्वविद्यालय एवं क्षेत्र की कृषि, उद्यानिकी, कृषि विपणन, कृषि आदान एवं मूल्य, पशुपालन, डेयरी, मात्स्यकी इत्यादि की वस्तुस्थिति एवं विभिन्न समस्याओं पर गंभीर चर्चा की गई। विश्वविद्यालय के घटते मानव संसाधनों व वित्तीय संसाधनों की समस्या भी उभरकर सामने आई। प्रो. गिल ने विश्वास जताया कि प्रदेश की कृषि व कृषि शिक्षा मे सुधार व नीति निर्धारण करने की दिशा मे यह बैठक एक सार्थक कदम सिद्द होगी।
इस अवसर पर किसान आयोग के माननीय सदस्य, विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारी परिषद् के सदस्य, कुलसचिव, कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, बांसवाड़ा व कोटा के क्षेत्रीय अनुसंधान निदेशक इत्यादि उपस्थित थे।
बैठक में अभियांत्रिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता ड़ा. एन. एस. राठौड़, अनुसंधान निदेशक ड़ा. पी. एल. मालीवाल एवं प्रसार शिक्षा निदेशक ड़ा. आई. जे. माथुर ने क्रमशः कृषि शिक्षा, कृषि अनुसंधान व कृषि प्रसार कार्यक्रमों की गतिविधियों और योजनाओं पर पावर पोंइंट प्रस्तुतियों द्वारा प्रकाश डाला। इस अवसर पर विष्वविद्यालय के एस. ओ. सी. मेम्बर उपस्थित थे। अंत मे क्षेत्रीय अनुसंधान निदेशक डॉ. पी. के. गुप्ता ने धन्यवाद दिया।
बैठक में निम्न मुद्दे उभर कर सामने आये:
कृषि विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम में समयानुसार आवश्यक सुधार की आवश्यकता
विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनाने हेतु आवश्यक प्रशिक्षणों को बढ़ावा
कृषि अनुसंधान व प्रसार के बीच उचित तालमेल की आवश्यकता
नवीनतम जानकारी किसानों को सस्ती दरों पर उपलब्ध करवाने की आवश्यकता
विभिन्न फसलों के उन्नत बीजों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाये
कृषि में लागत कम की जाये
फसलों के साथ फल सब्जियों, पशुधन व प्रसंस्करण को भी बढ़ावा दें
संस्थागत ढ़ांचे के विकास व कृषि विश्वविद्यालयों में गैर आयोजना मदों में खाली पड़ें पदों को शीघ्र भरने की आवश्यकता
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