Udaipur. महावीर इन्टरनेशनल की अलका होटल में हुई बैठक अतिरिक्तक जिला कलक्टयर बी. आर. भाटी ने कहा कि उदयपुर नगर को पर्यटन की दृष्टि से विकसित व पर्यावरण को स्वच्छ बनाना ही हमारा परम उद्देश्य है।
उन्होंने कहा कि जिला कलक्टर विकास एस. भाले के विचारों के अनुरूप उदयपुर के शिल्पग्राम के दर्पण सभागार में एक सिम्पोजियम आयोजित किया गया जिसके माध्यम से विभिन्न देश-विदेश के शिल्पियों द्वारा शिल्प आकृतियां कठिन परिश्रम व लगन से बनाई गई। ये शिल्प आकृतियां आज उदयपुर की शोभा हैं। इस कार्य में उदयपुर के मार्बल व्यवसायी, उद्योगपति, नगरप्रेमी, समाजसेवियों का योगदान रहा हैं जिन्हें समाज की संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया जाना चाहिये। इन नवनिर्मित आकृतियों, शिल्पियों को उदयपुर के विभिन्न चौराहों, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, फतहसागर आदि पर लगाने का विचार चल रहा है। स्थान निर्धारण हेतु एक समिति का शीघ्र गठन किया जावेगा। इन्हें लगाने व रखरखाव हेतु आर्थिक सहयोग विभिन्न उद्योगपतियों व संस्थाओं से अपेक्षित है।
उन्होंने कहा कि उदयपुर को उदयपुर ही रहने दो। इसकी कश्मीर, पेरिस आदि से तुलना नहीं करे। प्राकृतिक सुंदरता इसकी धरोहर है, उसे संजोये रखा जाना चाहिये। उदयपुर नगर को सुन्दर बनाने के लिए प्राथमिकता के आधार पर गुमानियावाला नाला, आयड़ नदी को सुसज्जित करते हुए दर्शनीय पर्यटन स्थलों को विकसित करने का सुझाव दिया। सभागार में विराजित प्रबुद्धजनों का आग्रह किया कि उदयपुर की सुन्दरता के लिए अपने विचार लिपिबद्ध कर हमें भेजें। उन्होंने विश्वास दिलाया कि उनके विचारों का सम्मान कर समावेश किये जावेंगे। उन्होंने संस्थाओं को आह्वान किया कि नगर के प्रमुख चौराहों को गोद लेकर उनका निर्माण व रखरखाव के लिए संस्थाएँ, उद्योगपति, पूंजीपति आगे आएं। भाटी ने सदस्यों के प्रश्नों व जिज्ञासाओं को संतुष्ट किया। इस अवसर पर जिला कलक्टोर विकास एस. भाले का माल्यार्पण, शॉल व स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया। ईश वन्दना के बाद एन.एस. खमेसरा ने भाटी का सम्मान करते हुए स्वागत किया व संस्था की गतिविधियों की जानकारी दी। इस अवसर पर आशा हिंगड़, हंसा हिंगड़, राज लोढ़ा, बी. एल. बसेर, राजेन्द्र चतुर, डॉ. एल. एल. धाकड़ ने भी विचार व सुझाव रखे। संचालन पूर्व अध्यक्ष डॉ. एल.एल. धाकड़ ने किया। धन्यवाद वीर यशवन्त वर्ड़िया ने दिया।