सीवरेज व्यवस्था बदहाल
Udaipur. पिछोला झील के किनारे व भीतर सीवरेज व्यवस्था और अधिक बदहाल हो चुकी है। अम्बापोल पंप हॉउस के ठीक प्रकार से काम नहीं करने एवं अम्बापोल के समीप झील के कुछ मेनहॉल में कचरा फंस जाने से सीवरेज का बेक फ्लो होकर झील में जा रहा है। सबसे गंभीर स्थिति कुम्हारिया तालाब की है, जहां ब्रह्मपोल के समीप तालाब की दीवार से लाखों लिटर गंदा पानी प्रतिदिन झील में जा रहा है।
यह आरोप लगाए हैं झील संरक्षण समिति, चांदपोल नागरिक समिति तथा डॉ. मोहनसिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने। इन्होंसने क्षेत्र का दौरा कर स्थिति की गंभीरता को जाना। चांदपोल नागरिक समिति के तेजशंकर पालीवाल ने बताया की ब्रम्ह्पोल भीतर बने मूत्रालय के पास से सीवरेज लाइन, जलदाय विभाग की टूटी लाइनों व खुली नालियों का पानी तीन गुना चार फीट के छेद से तालाब में गिर रहा है। नगर निगम के सहयोग से छेद को बंद करने की कोशिश की लेकिन पूर्ण नियंत्रण नहीं हो पाया है। झील संरक्षण समिति के अनिल मेहता व तेज राजदान का मानना है की सीवरेज और जलदाय विभाग की पाइप लाइन का संबंध खतरे का संकेत है। वही सीवरेज व नालियों का रिसाव पुरे ब्रम्ह्पोल क्षेत्र के भूजल को जहरीला बना देगा। डॉ मोहन सिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट के नन्द किशोर शर्मा ने कहा की बरसात में जब झील का स्तर बढेगा तो इन्ही छेदों व टूट फूट से झील का पानी सीवरेज लाइन में बहेगा। झील प्रेमियों ने बताया की कुम्हारिया तालाब सीवरेज व गन्दगी के गिरने से सड़ांध मार रहा है ,स्थिति इतनी गंभीर है की वहां खडा रहना भी मुश्किल है। ऐसे में एनएलसीपी का पैसा आखिर किस कार्य में लग रहा है और इससे जल की गुणवत्ता में क्या सुधार हो रहा है।