आशंका में न रहें कि शुगर कम मतलब डायबिटीज ठीक
Udaipur. रविन्द्रनाथ मेडीकल कॉलेज के नेफ्रोलोजी विभाग के अध्यक्ष एंव गुर्दा रोग विशेषज्ञ डॅा. मुकेश बड़जात्या ने कहा कि यदि किसी मधुमेह रोगी की शुगर कम होने लग जाए तो वह किसी भ्रम में न रहे कि उसकी बीमारी ठीक होने लगी है वरन् उसके शरीर में नई बीमारी के रूप में गुर्दे खराब होने प्रारम्भ हो गये है।
वे कल वरिष्ठ नागरिक कल्याण समिति द्वारा योग सेवा समिति में आयोजित वार्ता में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे। उन्होंगने कहा कि गुर्दे की कार्यक्षमता में 50 प्रतिशत कमी आने पर ही उसके लक्षण सामने आते है तब तक काफी देर हो चुकी होती है। जहां देश में प्रतिवर्ष डेढ़ से दो लाख गुर्दा रोगियों की संख्या में वृद्धि हो रही है वहीं इसकी तुलना में जागरूकता के अभाव में मात्र 10 से 15 हजार व्यक्ति की गुर्दा प्रत्यारोपण करा पा रहे है। गुर्दा रोगियों के लिए जरूरत पडऩे पर गुर्दा प्रत्यारोपण ही कराना चाहिए।
उन्होंने कहा कि विश्व में 56 प्रतिशत रोगी गुर्दा रोगी है। अन्य महाद्धीपों की तुलना में एशिया महाद्धीप में 4 गुना अधिक गुर्दा रोगी है जो चिन्ताजनक है। गैर मधुमेह रोगी की तुलना में मधुमेह रोगी में 6 गुना लकवा की बीमारी, 2 गुना ह्दय रोग, 20 गुना खून का दौरा, 25 गुना अंधता की बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है।
न छुपांए पेशाब संबंधी बीमारियां : उन्होंने कहा कि महिला-पुरूष अपनी पेशाब संबंधी अनेक बीमारियां छुपाती है जो गुर्दे रोग का मुख्य कारण होती है। उम्र के साथ ही शरीर में बढऩे वाली प्रोस्टेट ग्रन्थि के कारण पेशाब की अनेक बीमारियां हो जाती है। शरीर में एक गुर्दा होना कोई बीमारी नहीं है लेकिन एक ही गुर्दे होने पर भविष्य में होने वाली बीमारियों के प्रति सावधान रहना आवश्यक है। महिलाओं में बच्चादानी निकाले जाने के बाद उन्हें वेस्टर्न टायलेट का उपयोग करना चाहिए।
प्रतिदिन 180 लीटर खून की सफाई करते है गुर्दे- डॅा. बडज़ात्या ने बताया कि गुर्दे शरीर में प्रतिदिन 180 लीटर खून की सफाई करते है और उसमें से 2 लीटर पेशाब के जरिये अनेक अनुपयोगी तत्व बाहर निकालते है। सामान्य रूप से मनुष्य को प्रतिदिन डेढ़ से तीन लीटर पेशाब प्रतिदिन बनाना चाहिए जिसके लिए 2-3 लीटर लिक्विड लेना चाहिए और उसमें भी 60 प्रतिशत पानी होना चाहिए। उन्होनें बताया कि 60 प्रतिशत लोगों में गुर्दे ब्लड प्रेशर एंव मधुमेह के कारण खराब होते है। इससे पूर्व समिति के संस्थापक अध्यक्ष डॅा. सुन्दरलाल दक ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए अतिथियों का स्वागत किया एवं योगाभ्यास कराया। अंत में सचिव वर्धमान मेहता ने धन्यवाद दिया।