भामाशाह सम्मान में उमड़ा जैन समाज का सैलाब
Udaipur. प्रतिपक्ष नेता गुलाबचन्द कटारिया ने कहा कि ‘विजय’ जैन युवक परिषद ने समाज सुधार कार्यक्रम के तहत मांगलिक कार्यो में जो अधिकतम 21 व्यंजन बनाने की जो मुहिम चला रखी है, वह आज सकल जैन समाज की उपस्थिति में निश्चित रूप से सफलता के पायदान पर आगे बढ़ेगा।
उन्होनें सुझाव दिया कि इसकी पालना के लिए किसी पर दबाव न बनाएं। साथ ही 21 से अधिक व्यंजन बनाने वाले आयोजक के भोज में अवश्य जाएं लेकिन भोजन नहीं करें। वे आज ‘विजय’ जैन युवक परिषद द्वारा आज हिरण मगरी से. 4 स्थित विद्यानिकेतन स्कूल में भामाशाह जयंती पर आयोजित भामाशाह सम्मान समारोह में प्रेरणा पाथेय के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि जैन समाज भामाशाह के वंशज है और वे भामाशाह की तरह ही अपने से कमजोर व्यक्ति की मदद के लिए आगे बढ़े। उन्होंने एक प्रतिशत जैन समाज व्यक्ति को 50 प्रतिशत राजकीय नौकरियां हासिल करने के लिए समाज को और अधिक शिक्षित हो कर आगे बढऩा होगा।
इनका सम्मान-करीब 6 हजार लोगों की उपस्थिति के बीच गुलाबचन्द कटारिया, समाजसेवी किरणमल सावनसुखा, पूर्व विधनासभाध्यक्ष शंातिलाल चपलोत,परिषद के संरक्षक अनिल नाहर, परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष उम्मेदमल गांधी, परिषद के स्थानीय अध्यक्ष राजेश खमेसरा, सचिव राजेन्द्र जैन, कार्यक्रम संयोजक गुणवन्त वागरेचा, समाजसेवी मांगीलाल लुणावत ने समाजसेवा में अविस्मरणीय अकल्पनीय उएंव प्रशंसनीय योगदान के लिए मुबंई निवासी नरेश लोढ़ा, अभय चतुर, हरीश कोठारी, ऋषभ भाणावत, नानालाल वया,नरेश गोधा,प्रवीण सरूपरिया, अहमदाबाद निवासी अरविन्द जैन, आकोला निवासी प्रमोद सामर, नरेश बोल्या का तिलक लगाकर, पगड़ी पहनाकर, उपारना ओढ़ाकर, प्रतीक चिन्ह एंव अभिनन्दन पत्र भेंट कर भामाशाह सम्मान से सम्मानित किया गया। अभिनन्दन पत्र का वाचन कार्यक्रम संयोजक गुणवन्त वागरेचा ने किया। कार्यक्रम संयोजक डॅा. गजेन्द्र सामर ने भामाशाह की जीवनी पर प्रकाश डाला।
विशिष्ट अतिथि प्रमोद सामर ने कहा कि परिषद के इस अविरत, अविराम कार्यक्रम में सकल जैन समाज पूर्ण सहयोगी है। उन्होनें सुझाव दिया कि भोजन के बाद पडऩे वाले झूठन की फोटोग्राफी कराकर आयोजक को बतायी जानी चाहिए। आज हमारी पलायनवादी नीति के चलते राजकीय पदों पर जैन समाज की उपस्थिति नगण्य होती जा रही है। परिषद के इस कार्य पर जैन समाज ही नहीं वरन् सम्पूर्ण शहर गौरवान्वित है।
परिषद के संरक्षक अनिल नाहर ने कहा कि समाज में ऐसे अनेक भामाशाह मौजूद हैं लेकिन भामाशाह जयंती मनाना तभी सार्थक होगा जब हम पदचिन्हों पर चले। इस अवसर पर नाहर के प्रस्ताव पर पाण्डाल में उपस्थित हजारों सकल जैन समाज के लोगों ने दोनों हाथ उठाकर अधिकतम 21 व्यंजन बनाने की मुहिम को जबरदस्त जनसमर्थन दिया। उन्होंने कहा कि पूर्व में आयोजित होने वोल भोज में आत्मीयता देखने को मिलती थी लेकिन वह आज गायब हो चुकी है।
केदारनाथ पीडि़तों के लिए की घोषणा-उन्होंने परिषद की ओर से केदारनाथ पीडि़तों के लिए 51 हजार तथा कालूलाल नागौरी ने 51 सौ रुपए देने की घोषणा की। इस राशि के साथ ही पाण्डाल के बाहर लगाये गये बॉक्स में समाजजन से प्राप्त राशि को शामिल कर इसे जिला कलेक्टर को प्रदान की जाएगी।
मुहिम ने लिया आंदोलन का रूप : इससे पूर्व परिषद अध्यक्ष राजेश खमेसरा ने स्वागत उद्बोधन में बताया कि परिषद द्वारा अब तक 33 सौ संकल्प पत्र भरवाये जा चुके हैं। परिषद क इस आव्हान पर जैन समाज में चलायी गई यह मुहिम अब धीरे-धीरे सकारात्मक आन्दोलन का रूप लेती जा रही है। परिषद सचिव राजेन्द्र जैन ने 6 वर्ष पुरानी इस संस्था की गतिविधयों पर प्रकाश डाला।
इन्होनें भी व्यक्त किए विचार- यशवन्त आंचलिया,जैन श्वेताम्बर महासभा के अध्यक्ष तेजसिंह बोल्या,ओसवाल सभा के अध्यक्ष कन्हैयालाल मेहता,ओसवाल बड़े साजन सभा के अनिल कोठारी, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष शांतिलाल चपलोत, जैन सोश्यल ग्रुप के गौतम सिरोया,परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष उम्मेदमल गांधी व किरणमल सावनसुखा ने भी विचार व्यक्त किए। समारोह में संकल्प पत्र भरने के बाद हुए भेाज में अधिकतम 21 व्यजन बनाये जाने पर कटारिया व अन्य अतिथियों ने महेन्द्र सरूपरिया एंव अशोक बोर्दिया एंव परिवार को सम्मानित किया। कार्यक्रम में अतिथि के रूप में समाजसेवी मांगीलाल लुणावत,श्री नाकोड़ा ज्योतिष कार्यालय के कांतिलाल जैन के अतिरिक्त जिला प्रमुख मधु मेहता, महापौर रजनी डांगी भी उपस्थित थी। परिषद की ओर से सभी अतिथियों को सम्मान स्वरूप स्मृतिचिन्ह प्रदान किया गया। कार्यक्रम में इन्दु कोठारी ने स्वागत गीत की प्रस्तुति दी। धन्यवाद अजितसिंह गलुण्डिया ने ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन हंसा हिंगड़ व भूपेन्द्र ने किया।