महापौर ने वास्तु के अनुसार बदला कमरा
Udaipur. एक ओर बरसात के इस मौसम में राहगीर शहर की सड़कों में पडे़ गड्ढों में गिर रहे हैं, कहीं दुकानों के छज्जे गिरने से उनके तले दबकर बच्चों की मौत हो रही है वहीं इन सबकी जिम्मेदार नगर निगम की महापौर अपने कमरे का वास्तु ठीक करने में लगी हैं।
मैडम ने हाल ही किसी वास्तुविद की सलाह पर आयुक्त का कमरा खुद के लिए ले लिया और खुद के कमरे में अब आयुक्त को बिठा दिया है। कमरे में बैठने के बाद वास्तु जैसा कोई चेंज अब तक तो दिख नहीं रहा। समितियों के गठन के बाद विरोधी अपने हाल में हैं। उन्हें उनके आलाकमान से चुनाव तक ठंडा रहने को कहा गया है। गठन भले ही कर दिया लेकिन काम के वहीं हाल हैं। अभी तो नए-नए समिति अध्यक्ष बने हैं। उन्हें क्या -क्या देखना है, क्या क्या काम करना है, अभी तो सार संभाल कर रहे हैं।
और कुछ हो न हो, यह जरूर हुआ कि मैडम को वर्षाकाल में पौधरोपण करने, उदघाटन करने के कामों से फुर्सत नहीं है। अब महापौर का पद संभाला है तो ये सब काम तो करने ही पड़ेंगे। यदा कदा बाहर से कोई आ जाए तो उनसे मिलने और शेष समय पार्टी कार्यालय में भाईसाहब के साथ पार्टी मीटिंगों में। इस वास्तु के बजाय अगर शहर की ओर ध्यान दिया होता तो न तो वर्षाकाल में कहीं कोई गड्ढे में गिरता और न ही चेटक स्थित दीवार के छज्जे तले दबने से बालक मौत के घाट उतरता।