फ्रांस के युवाओं की धारणा बदली
Udaipur. फ्रांस के ईएम नोरमेन्डी प्रबन्धन महाविद्यालय से आये युवाओं की भारत के बारे में छवि एक भूखे, नंगे व गरीब लोगों के देश की थी। विद्या भवन पॉलिटेक्निक में मंगलवार को जब इन युवाओं को बदलते भारत की तस्वीर से अवगत कराया तो वे विस्मित थे।
पॉलिटेक्निक के कम्युनिटी डवलपमेन्ट संकाय की ओर से प्रायोजित कार्यक्रम में सामाजिक राजनीतिक चिन्तक प्रो. अरूण चतुर्वेदी एवं स्कीम के समन्वयक अनिल मेहता ने इन युवाओं को भारत की सामाजिक, आर्थिक प्रगति से अवगत कराया। चतुर्वेदी तथा मेहता ने कहा कि भारत के गांव महानरेगा एवं अन्य विविध कल्याणकारी योजनाओं एवं तकनीकी के गांवों तक पहुंचने से बदल रहे हैं। यद्यपि विकास व प्रगति के संसाधनों के असमान वितरण की समस्या है लेकिन भारत के अधिसंख्य गांव भूखे, नंगे लोगों के नहीं वरन् राजनैतिक, सामाजिक व आर्थिक गतिविधियों के जीवन्त केन्द्र हैं। महिलाओं एव युवाओं की विकास प्रक्रियाओं में सहभागिता बढ़ रही है। उन्होनें कहा कि उदयपुर क्षेत्र में जनजाति गाँवों की विशिष्ट सामाजिक एवं सांस्कृतिक व्यवस्था है जिसके मूल में समानता व सहभागिता है। स्कीम के आन्तरिक समन्वयक योगेश दशोरा एवं सलाहकार सुधीर कुमावत ने कहा कि भारत सरकार की कम्युनिटी डवलपमेन्ट योजना के तहत विद्या भवन पॉलिटेक्निक, ग्रामीण युवाओं को निशुल्क तकनीकी प्रशिक्षण दे रहा है ताकि वे रोजगार अथवा स्वरोजगार प्राप्त कर सकें। फ्रांस के युवा आगामी दस दिन तक गांवों में जाकर वहाँ आये बदलाव को प्रत्यक्ष भी देखेंगे।