Udaipur. जयपुर की महत्वाकांक्षी ’मेट्रो-परियोजना’ के प्रथम चरण के भाग ’ए’ में मानसरोवर से चांदपोल तक निर्माणाधीन मेट्रो रेल लाइन पर मेट्रो रेल का परीक्षण अगले एक माह में होने की संभावना है।
राजस्थान के अतिरिक्त मुख्य सचिव (नगरीय विकास) जी. एस. संधु ने बताया कि परियोजना के प्रथम चरण के पूर्व पश्चिम कोरिडोर में जयपुर के मानसरोवर से बड़ी चौपड़ तक बनाए जा रहे 9.718 कि.मी. लम्बे कॉरीडोर पर अगले माह 3 से 4 किमी तक मेट्रो रेल का ’ट्रॉयल-रन’ करवाया जायेगा। इस कॉरिडोर में 6 कि.मी. रेल लाईन का कार्य रिकार्ड समय में लगभग पूरा हो गया है। प्रथम चरण में कुल 11 स्टेशन होंगे, जिनमें 8 ऊपरगामी (ऐलिवेटेड) और तीन भूमिगत मेट्रो स्टेशन होंगे।
उन्होंने बताया कि बैंगलुरू से मेट्रो की दो ट्रेन्स जयपुर पहुंच चुकी हैं। प्रत्येक ट्रेन में कुल चार डिब्बे (कोच) है। भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (बी.ई.एल.एम.) बैंगलुरू में भारतीय तकनीक से निर्मित यह मेट्रो कोच दक्षिण कोरिया और अन्य देशों की मेट्रो कोच के मुकाबले अधिक बेहतर आधुनिकतम, गुणवत्तापूर्ण एवं नवीन तकनीक से निर्मित हैं और अपेक्षाकृत इनकी लागत भी दिल्ली मेट्रो से कम है।
श्री संधु ने बताया कि जयपुर मेट्रो परियोजना के प्रथम चरण के ‘ए’ भाग के बाद ‘बी’ भाग चांदपोल से बड़ी चौपड़ का कार्य भी हाथ में लिया जा रहा है जिसकी लम्बाई 2.349 कि.मी. होगी और यह पूरी तरह भूमिगत रेल लाईन होगी। इसके लिए एशियन डवलॅपमेंट बैंक (एडीबी) ने फंड देना स्वीकार किया है।
उन्होंने बताया कि गुलाबी नगर जयपुर को विश्वस्तरीय शहर बनाने की दिशा में मुख्यमंत्राी अशोक गहलोत की पहल पर राज्य सरकार द्वारा लिए गये महत्वपूर्ण फैसलों में जयपुर मेट्रो रेल परियोजना एक अभूतपूर्व कदम है। देश की राजधानी दिल्ली एवं अन्य महत्वपूर्ण महानगरों की तर्ज पर जयपुर में मेट्रो रेल की नींव रखा जाना राजस्थान के लोगों के लिए एक बड़ी सौगात है जो विकास के नये प्रतिमान स्थापित करेगी। यह परियोजना जयपुर के विकास को नए पंख लगायेगी।