Udaipur. मित्रता दिवस यानी आज के जमाने के अनुसार अपने दोस्तों! के साथ बिताने का दिन। क्या दोस्ती और मित्रता भी किसी दिन या तारीख की मोहताज हो गई है? असली दोस्ती का मतलब समझने वाले तो आज भी इससे इनकार करते हैं लेकिन आज की सूचना एवं प्रौद्योगिकी के युग की नई पीढ़ी इसी दिन का इंतजार करती है कि कब अपने मित्रों और दोस्तों को शुभकामनाएं दी जाए?
प्रतिवर्ष अगस्त माह के पहले रविवार को मनाया जाने वाला दिन युवाओं के लिए अब खास होने लगा है। इस नई परम्परा ने अमूमन करीब 10 या हद से हद 15 वर्ष पहले ही हमारे यहां भी जन्म ले लिया है। कहते हैं न कि जैसा देखेंगे, वैसा सीखेंगे। जिस प्रकार प्रणय निवेदन के लिए नई पीढ़ी वेलेन्टाइन डे का इंतजार करती है ठीक उसी तरह मित्रता और दोस्ती के लिए भी अगस्त के पहले रविवार का इंतजार करने लगी है।
हालांकि टेलीफोन, सोशल मीडिया, मैसेज, व्हाकट्सएप पर तो मैसेज सात सात दिन पहले ही आने लगे और उसमें यह और लिख दिया कि मैं सबसे पहला हूं जो आपको 7 दिन पहले ही विश कर रहा हूं। समय पर पता नहीं याद रहे या नहीं रहे इसलिए जब याद आया तभी विश कर दिया। जब याद ही नहीं रहे तो फिर इंतजार किस बात का। इंतजार नहीं तो फिर ऐसे विशेष दिन की महत्ता क्या ?
वे दिन हवा हुए जब दोस्ती के मायने कुछ यूं हुआ करते थे कि ‘’दोस्ती से हो गई मुझे दुश्मनी, ऐसी की दोस्ती आपने’’ या ‘’हाथ रखकर मेरे सीने पर जिगर थाम लिया, तूने ऐ दोस्त ये गिरता हुआ घर थाम लिया’’। लेकिन फिर भी मित्रता दिवस तो मनाया ही जाएगा। गिफ्ट भी दिए जाएंगे, बुके भी पहुंचेंगे और कार्ड्स भी.. रही सही कसर व्हाट्सएप और एसएमएस पूरी करेंगे।
इसी क्रम में आप सभी को भी उदयपुर न्यूज डॉट इन (http://udaipurnews.in/) की ओर से मित्रता दिवस की शुभकामनाएं!!!!