आंदोलन को लेकर किया न्यायिक कार्यों का बहिष्कार
Udaipur. उदयपुर में हाईकोर्ट की मांग को लेकर पूरे राज्य में माहौल गर्मा गया है। इधर उदयपुर में अधिवक्ता सर्किट बैंच की मांग कर रहे हैं उधर जोधपुर के कतिपय अधिवक्ताओं की शह पर जयपुर बार एसोसिएशन ने भी उदयपुर में सर्किट बैंच के विरोध में न्यायिक कार्यों का बहिष्कायर किया।
मेवाड-वागड़ हाईकोर्ट बैंच संघर्ष समिति संयोजक रमेश नन्दवाना ने बताया कि जयपुर बार को भुलावे में रखा जा रहा है कि कोटा संभाग भी उदयपुर आने वाली इस बैंच के क्षेत्राधिकार में होगा जबकि हमारा मुद्दा सिर्फ और सिर्फ संभाग के आठ जिलों उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाडा़, प्रतापगढ, चित्तौडगढ, भीलवाडा, राजसमंद व सिरोही तक ही सीमित है। नंदवाना ने दोनों बार को पत्र लिखकर पूर्ववत सहयोग कायम रखने व अफवाहों के आधार पर गरीबी के कारण न्यामय से वंचित आदिवासी समुदाय को न्याय दिलाने के इस अभियान में सहयोग देने और 12 अगस्तं को उदयपुर में प्रस्ताकवित धरना-घेराव में सम्मिलित होने का आग्रह किया है।
उधर इससे पूर्व धरना-घेराव के प्रचार प्रसार के लिए पोस्टर का विमोचन शिक्षाविद मनोहरसिंह कृष्णावत एवं उद्योगपति घनश्यामसिंह कृष्णावत ने किया। इस दौरान राजस्थान आदिवासी संघ के जिलाध्यक्ष धनराज अहारी भी मौजूद थे। मनोहरसिंह कृष्णावत ने कहा कि हाईकोर्ट बैंच मेवाड़ का हक है तथा इसके लिए सभी समाज इस आंदोलन में शामिल होंगे। घनश्यामसिंह कृष्णावत ने कहा कि मेवाड़ के गौरवशाली इतिहास के कारण ही मेवाड़ से संभवत: दूसरों को ईर्ष्यात है। उदयपुर में हाईकोर्ट बैंच के विरोध में जो आंदोलन जोधपुर व जयपुर में किये जा रहे है वह गरीब जनता को न्याय दिलाने में बाधक हैं।
इससे पूर्व सुबह एक प्रतिनिधिमंडल ने शहरी विकास एवं गरीबी उन्मूलन मंत्री डॉ. गिरिजा व्यास से मिला और निर्धन आदिवासियों को न्याय दिलाने के लिए मांग में सहयोग का आग्रह किया। डॉ. व्यास ने आंदोलन का रास्ता न अपनाने का आग्रह कर आश्वस्त किया कि सरकार की इस मुद्दे पर क्षेत्र की जनता के प्रति पूर्ण सहानुभूति है। वे स्वयं आवश्यक समर्थन व मदद करेंगी। उधर अधिवक्ताओं के विभिन्न दल आसपास के क्षेत्रों में गए और धरना-घेराव में शामिल होने की अपील की। महासचिव शंतिलाल पामेचा, संरक्षक फतहलाल नागौरी, राजस्थान बार कौंसिल सदस्य रतनसिंह राव, पूर्व अध्यक्ष बार एसोसिएशन जयकृष्ण दवे, वरिष्ठ अधिवक्ता अरूण व्यास, संयोजक सत्येन्द्रपाल सिंह छाबडा, बार अध्यक्ष भरत कुमार जोशी, सचिव भरत वैष्णव, महासचिव मनीष शर्मा, पूर्व उपाध्यक्ष लोकेश दवे आदि उपस्थित थे।
high court ki bench Udaipur me har gij nahi jane denge.