Udaipur. नगर निगम की गत 24 जून को हुई बोर्ड बैठक की जारी प्रोसिडिंग में ’समितियों के पुनर्गठन को स्पष्ट बहुमत होने से प्रस्ताव का अनुमोदन किया जाना‘ लिखने को माकपा ने शर्मनाक एवं सच्चाई से मुंह मोड़ने वाला कदम बताया है।
उल्लेखनीय है कि महापौर ने विरोधी गुट के लोगों को हटाकर समिति अध्योक्षों के पदों पर अपने ही गुट के लोगों को पदासीन कर समिति अध्यक्षों की घोषणा कर दी थी। इस पर काफी बवाल मचा था और पार्टी सहित प्रतिपक्ष के पार्षदों ने जिला कलक्टर को ज्ञापन देकर स्पष्ट बहुमत के अभाव में इन समितियों के पुनर्गठन को गलत बताया था।
माकपा पार्षद राजेश सिंघवी ने बताया कि बैठक में मौजूद 53 पार्षदों में से 32 पार्षदों ने समितियों के पुनर्गठन का विरोध करते हुए मतदान की मांग की थी। स्पष्ट है कि समितियों का गठन सदन में स्पष्ट बहुमत नहीं होने से स्वीकृत नहीं किया गया। सिंघवी ने कहा कि महापौर रजनी डांगी ने बोर्ड बैठक की प्रोसीडिंग में छेड़छाड़ कर पार्षदों एवं आम जनता से सच्चाई को छिपा नहीं सकती। सिंघवी ने कहा कि महापौर रजनी डांगी नगर पालिका कानून, नियमों एवं राज्य सरकार के निर्देशों की धज्जियां उड़ा, लोकतांत्रिक मूल्यों से खिलवाड़ कर रही है। सिंघवी ने नगर निगम उदयपुर की 24 जून 2013 को आयोजित बोर्ड बैठक की जारी प्रोसीडिंग में छेड़छाड़ कर गलत तथ्यों का अंकन करने के विरोध में निदेशक स्वायत शासन विभाग जयपुर, उपनिदेशक स्वायत्त शासन एवं आयुक्त नगर निगम को ज्ञापन देकर उचित कार्यवाही कर सही प्रोसीडिंग जारी कराने की मांग की है।