नमन, स्मरण, पुष्पाजंलि
Udaipur. राजस्थान विद्यापीठ के संस्थापक शिक्षाविद साहित्यकार महर्षि प. जनार्दनराय नागर की 16 वीं पुण्यतिथी शुक्रवार को विद्यापीठ के विभिन्न विभागों मे उन्हे श्रद्धा से याद कर उनकी प्रतिमा पर पुष्पाजंलि अर्पित की गई।
मुख्य कार्यक्रम प्रतापनगर स्थित प्रशासनिक भवन उनकी प्रतिमा को पुष्पाजंली एवं संगोष्ठी में मुख्य अतिथि चांसलर प्रो.भवानीशंकर गर्ग ने कहा की मेवाड़ में शिक्षा का प्रचार-प्रसार एवं समाज सेवा में प. नागर की महत्वपुर्ण भुमिका रही प. नागर का अध्यात्म जीवन के अर्थ की व्याख्या करता है, नागर का अध्यात्म संजीवनी के समान है धन, कीर्ती एवं भोग के तड़पते मानव के जीवन के लिये अमृत की शितलता है अध्यक्षता करते हुये कुलपति पो. एस.एस. सारंगदेवोत ने बताया की स्वतंत्रता संग्राम के दोरान उंन्हौने जन जन को शिक्षित करने का आन्दोलन चलाया। उनका दृढ़ विश्वास था कि शिक्षित समाज ही राष्ट्र के उज्जवल भविष्य का निर्माण कर सकता है, संगोष्ठी का संचालन सचिव डॉ. लक्ष्मीनारायण नन्दवाना ने किया। इस अवसर पर सुभाष बोहरा, डॉ. मनीष श्रीमाली, डॉ. पंकज रावल. जितेन्द्र सिंह चुण्डावत, कृष्णकान्त नाहर, नजमुद्दीन, राजेन्द्र कुमार वर्मा, डॉ. दिलीप सिंह चौहान, शैतान सिंह झाला, सहित कार्यकर्ता उपस्थित थे। इसी तरह होम्योपैथिक महाविद्यालय फिजियौथैरेपी साहित्य संस्थान, ओ.सी.डी.सी. श्रीमन्नारायण सी.से.स्कुल, स्कुल ऑफ सोशल वर्क, जन शिक्षण एवं विस्तार निदेशालय, इंजीनियरिंग महाविद्यालय, कम्प्युटर आ.टी., एम.बी.ए विभाग आदि ने जन्नु भई के उनकी सोलहवीं पुण्यतिथि पर श्रद्धा पुर्वक याद किया।