भाइयों की कलाई पर बंधा बहनों का प्यार
Udaipur/fatahnagar. हालांकि भाई-बहन का प्यार किसी मौके विशेष का मोहताज नहीं लेकिन परम्परागत रूप से चले आ रहे रक्षाबंधन के त्योहार को लेकर इस बार काफी उहापोह की स्थिति रही। कोई ज्योतिषियों को दोष देता नजर आया तो किसी ने बिना परवाह राखी बंधवाई। बहनों को भी हर बार से अलग ज्वैलरी, साड़ी या पैसे के बजाय गैजेट्स देने में भाइयों की रुचि कुछ ज्यादा दिखी।
इस बार पूर्णिमा मंगलवार सुबह थी लेकिन उसी समय से भद्राकाल भी लग गया। कुछ ज्योतिषियों की राय में भद्राकाल में होलिका दहन या राखी बंधवान अशुभ माना जाता है वहीं कुछ ज्योतिषियों का कहना था कि भद्रा पाताल लोक की थी इसलिए कोई विशेष फर्क नहीं पड़ता। खैर मुहूर्त में बंधवाने वाले रात्रि तक मुहूर्त का इंतजार करते रहे वहीं कई बहनों ने अपने भाई के लिए बिना किसी मुहूर्त के भी राखी बांधी। बाजारों में हालांकि दो दिन से भीड़ उमड़ पड़ी थी। बाजार में पांव धरने की जगह नहीं मिली। अंदरुनी मार्केट में तो दुपहिया वाहन तक जाना संभव नहीं हो रहे थे। व्यापारियों के चेहरे पर भी खुशी दिखी। कपड़े, मिठाई, सर्राफा आदि व्य वसायियों की दुकानें दो दिन फुल रहीं। भाइयों ने बहनों को ज्वे लरी, कपडे़, साड़ी के बजाय इस बार नए जमाने के अनुसार चलते गैजेट्स दिए। इनमें स्मा्र्टफोन, एन्ड्रॉयड, टेब, मिनी लैपटॉप आदि प्रमुख रहे।
ग्रामीण इलाकों में मंगलवार को ही रक्षाबंधन मनाया गया। बहनों ने अपने भाइयों की कलाईयों पर रक्षा सूत्र बांध कर उनका मुंह मीठा करवाया। भाईयों ने भी बहना के प्यार भरे रक्षा सूत्र के बदले स्नेहासिक्त उपहार दिए। घरों में सुबह से शाम तक राखी बांधने का क्रम चलता रहा। बाजार में भी मंगलवार को सुबह से चहलपहल रही। चहल पहल शाम को बढ़ गई तथा राखियों के काउंटर, मिठाईयों की दुकानों आदि पर भीड़-भाड़ रही। राजस्थान रोड़वेज की बसों में महिलाओं के लिए फ्री यात्रा सुविधा होने से भीड़ भाड़ रही तो निजी बस संचालक विनायक बस सर्विस ने भी महिला यात्रियों को फ्री यात्रा की सुविधा प्रदान की।