हिंदी सप्ताह में गतिविधियां
Udaipur. वर्ष भर में भले ही औपचारिक रूप से लेकिन मनाए जाने वाले हिंदी सप्ता्ह का समय आ गया है। कई जगह मनाया जा रहा है तो कई जगह 16 सितंबर से मनाया जाएगा। विश्व विद्यालयों में गतिविधियां शुरू हो चुकी हैं। अभी तक समझ में नहीं आता कि हिंदी वाकई राष्ट्रयभाषा है या मात्र संपर्क भाषा? बहरहाल बहस बरसों से जारी है।
सुखाडि़या विश्वविद्यालय में हिंदी दिवस पर विविध कार्यक्रम होंगे वहीं राजस्थान विद्यापीठ में भी आयोजन किए जा रहे हैं। बीएसएनएल में हिंदी पखवाड़ा मनाया जा रहा है। राजस्थान विद्यापीठ में साहित्यकार प्रो. के. के. शर्मा ने कहा कि किसी भी राष्ट्र का गौरव उसकी राष्ट्रभाषा से जुड़ा़ है। राष्ट्र की एकता व अखंडता के लिए राष्ट्रभाषा की महती आवश्यकता है। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद जब भारत को एक राष्ट्रभाषा से सुशोभित करने की बात आई तो इस बहुभाषायी देश को कटु अनुभवों का सामना करना पड़ा।
हिंदी विभाग में आयोजित हिंदी सप्ताह के दौरान गुरुवार को आयोजित व्याख्यानमाला में उन्होंने कहा कि संविधान ने हिंदी को राष्ट्रभाषा के पद पर आसीन कर दिया, लेकिन विडंबना यह कि जो भाषा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में राष्ट्र चेतना का प्रतीक थी। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद राजभाषा बन गई और राजभाषा अधिनियम के बाद आज मात्र संपर्क भाषा के रूप में जानी जाने लगी है। आज तक हम उसे राजभाषा का दर्जा नहीं दिला पाए हैं।
राष्ट्रभाषा का अंतरराष्ट्रीय महत्व : प्रख्यात साहित्यकार तथा राजस्थान साहित्य अकादमी के पूर्व सचिव डॉ. लक्ष्मीनारायण नंदवाना ने बताया कि एक और जहां हम राष्ट्रभाषा हिंदी की उपेक्षा कर अंग्रेजी की दासतां स्वीकार कर रहे हैं, वहीं विश्व के अनेक देश वैश्वीभकरण के इस युग में भारत में अंतरराष्ट्रीय बाजार व अपने आर्थिक महत्व को ध्यान में रखकर अपने लाभ के लिए व उत्पादों को भारत में बेचने के लिए अपने यहां हिंदी के अध्ययन, अध्यापन की व्यवस्था करें। अध्यक्षता कला संकाय की डीन डॉ. सुमन पामेचा, डॉ. एस. के. मिश्रा, डॉ. प्रदीप कुमार विचार ने भी विचार व्य क्त. किए। संचालन डॉ. ममता पानेरी ने किया तथा धन्यवाद डॉ. राजेश शर्मा ने दिया। स्वागत उद्बोधन विभागाध्यक्ष डॉ. मलय पानेरी ने दिया।
सुविवि में कार्यक्रम
मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय हिन्दी विभाग के अध्यक्ष प्रो. माधव हाड़ा ने बताया कि 16 सितम्बर को ’’विमर्श’’ कार्यक्रम के तहत ’हिन्दी का लोकवृत’ विषय पर संवाद का आयोजन किया जाएगा।