अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का समापन
Udaipur. पाली के सांसद राजेन्द्र सिंह राजपुरोहित ने कहा कि नई नई खोजों के साथ-साथ हमारी पौराणिक विधियां भी रोगों को रोकने में अत्यन्त लाभकारी सिद्ध हो सकती है। वे होटल इंदर रेजीडेंसी में रोगवाहक तथा रोगवाहक जनित बीमारियों की वर्तमान स्थिति, उनके नियंत्रण तथा भविष्य में रोकथाम पर आयोजित 12वीं अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे।
अध्यक्षता सुविवि के कुलपति प्रो. आई. वी. त्रिवेदी ने की। मुख्य अतिथि राजस्थान विद्यापीठ के पूर्व कुलपति प्रो. बी. पी. भटनागर थे। अध्यक्षीय सम्बोधन में प्रो0 त्रिवेदी ने आयोजन को विश्वविद्यालय के एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानते हुए विश्वास जताया कि वैज्ञानिक चर्चाओं का लाभ आम व्यक्ति तक पहुंचेगा तथा बीमारियों को रोकने में सार्थक कामयाबी प्राप्त होगी। प्रो. भटनागर ने सफल आयोजन के लिए आयोजन सचिव डॉ. आरती प्रसाद को बधाई देते हुए कहा कि संगोष्ठी मौजूदा परिपेक्ष्य में बहुत उचित है तथा इसके सारगर्भित व्याख्यानों से जन साधारण लाभान्वित होगा।
त्रिदिवसीय संगोष्ठी में कुल 35 आमंत्रित व्याख्यान व 37 मौखिक प्रस्तुतिकरण हुए। इसके अतिरिक्त यंग शोधार्थियों ने 61 पोस्टरों के माध्यम से अपने शोध कार्यों को प्रस्तुत किया। अन्तिम तकनिकी सत्रों में 8 आमंत्रित व्याख्यानों के साथ-साथ 11 मौखिक प्रस्तुतिकरण हुए। आयोजन सचिव डॉ. आरती प्रसाद ने अंत में सबको धन्यवाद दिया। देश-विदेश से आये विभिन्न वैज्ञानिकों, शोधर्थियों तथा शिक्षाविदों ने अपने अनुभव साझा किये तथा बताया कि वे यहॉ बहुत मीठी यादें अपने साथ लेकर जा रहे है।