उद्योग आयुक्त राजेश यादव के साथ परिचर्चा
Udaipur. नरेगा ने हर मजदूर को काम दिया है और इसी कारण निजी कामों के लिए मजदूर मिलना बहुत मुश्किल हो गया है लेकिन वर्ष 2008-2009 में नरेगा में जहां 25 लाख व्यक्ति नरेगा योजना से जुड़े़ थे वहीं गत वर्ष उनकी संख्या घटकर मात्र 5 लाख रह गई। केन्द्र सरकार भी द्वारा इस पर मंथन किया जा रहा है।
यह जानकारी आज राज्यर के उद्योग आयुक्त राजेश यादव ने उदयपुर चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के तत्वावधान में संभाग के औद्योगिक एवं व्यावसायिक एसोसिएशनों की परिचर्चात्मक बैठक में दी।
उन्होंकने कहा कि किसी भी सरकारी विभाग द्वारा 80 प्रतिशत खरीद लघु उद्योगों से किया जाना अनिवार्य है। स्मॉल स्केल इण्डस्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष वाई.एस. सिंघवी द्वारा लघु उद्योगों पर उत्पाद शुल्क, बड़े उद्योगों को माल सप्लाई करने पर भुगतान में देरी करने में तथा नरेगा योजना को उद्योगो से लिंक किये जाने का सुझाव प्रस्तुत किया था जिसके जवाब में यादव ने यह जानकारी दी।
यादव ने राज्य सरकार द्वारा हाल ही में राज्य में टैक्सटाइल उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहन प्रदान करने के उद्देश्य से हाल ही में जारी टैक्सटाइल पैकेज की जानकारी दी। मार्बल गेंगसॉ एसोसिएशन राजसमंद के अध्यक्ष मदनलाल चौधरी द्वारा राजसमंद के मार्बल उद्योगों के समक्ष मार्बल स्लरी को डम्प किये जाने हेतु डम्पिंग यार्ड की समस्या रखी गई। आयुक्त ने स्पष्ट किया कि भूमि सीमित है जबकि मार्बल उद्योग द्वारा उत्पादन भविष्य में भी लगातार जारी रहेगा। अतः डम्पिंग यार्ड हेतु भूमि की समस्या भी लगातार बनी रहेगी। अतः मार्बल उद्यमियों को गंभीरतापूर्वक मार्बल स्लरी को डम्प किये जाने के स्थान पर इसे उपयोग में लाये जाने के उपाय तलाशने चाहिये।
यूसीसीआई द्वारा सैंट्रल रोड़ रिसर्च ऑर्गेनाईजेशन के माध्यम से मार्बल स्लरी को सड़क निर्माण हेतु उपयोग में लिये जाने हेतु रिसर्च करवाई गई थी। इसके सकारात्मक परिणाम आने पर यूसीसीआई द्वारा राजसमंद के कोटेला गांव में मार्बल स्लरी के उपयोग द्वारा एक किलोमीटर की सड़क का पॉयलेट प्रोजेक्ट की तौर पर निर्माण करवाया गया जो सफल रहा। विभिन्न सड़क निर्माण परियोजनाओं में मार्बल स्लरी उपयोग में ली जानी चाहिये।
यूसीसीआई के मानद महासचिव आशीष छाबड़ा ने सुझाव दिया कि नगर निगम, नगर विकास प्रन्यास, सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा किये जाने वाले निर्माण कार्यो में मार्बल स्लरी निर्मित ईंटें उपयोग में ली जानी चाहिये। औद्योगिक समूह संस्थान चित्तौड़गढ़ के अध्यक्ष विपिन लढ्ढा तथा मेवाड़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री चित्तौड़गढ़ के अध्यक्ष अर्जुन मूंदड़ा द्वारा मार्बल खनन पर वैट के तहत इनपुट टैक्स क्रेडिट प्रदान करने में पेश आ रही समस्या की ओर ध्यान आकृष्ट किया गया। इसके साथ ही रीको के औद्योगिक क्षेत्रों में लघु उद्यमियों को औद्योगिक प्लॉट उपलब्ध कराये जाने में पेश आ रही समस्या भी प्रस्तुत की गई।
कलड़वास चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री के उपाध्यक्ष गोपाल अग्रवाल ने लघु उद्योगों के लिये टर्नओवर की सीमा चार करोड़ सालाना से बढ़ाये जाने का सुझाव रखा। उदयपुर केमिकल मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन के सचिव सरदार कुलवंतसिंह ने एकल खिड़की क्लियरेंस योजना की सुविधा 1 करोड़ से कम राशि का निवेश करने वाले उद्यमियों को भी उपलब्ध कराये जाने का सुझाव रखा। संचालन यूसीसीआई के मानद महासचिव आशीष छाबड़ा ने किया। अंत में यूसीसीआई की ओर से आयुक्त यादव एवं अतिरिक्त निर्देशक (उद्योग) डी. के. नागौरी को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। राजसमंद के जिला उद्योग केन्द्र अधिकारी टी. एस. मारवाह ने धन्यवाद दिया।