तपस्वियों की निकली सामूहिक शोभायात्रा
Udaipur. सर्वऋतु विलास स्थित दिगम्बर जैन महावीर जिनालय में पर्यूषण के निमित्त उपवास की तप आराधना करने वाले सभी तपस्वियों की सामूहिक शोभायात्रा गुरूवार सुबह 7 बजे निकाली गई।
सभी तपस्वियों को माल्यार्पण से स्वागत के पश्चात् सजाई गई 45 बग्घियों में बिठाकर अन्तर्मना मुनि प्रसन्न सागर ससंघ के सान्निध्य में जुलूस के रुप में स्थानीय और बाहर से आये हुए श्रद्धालुओं सहित भव्य शोभायात्रा निकाली गई। शहर भ्रमण के पश्चात् शोभायात्रा वापस सर्वऋतुविलास अन्तर्मना सभागार पहुंची जहां 10 उपवास की साधना करने वाले सभी साधकों का मुनिश्री द्वारा मंत्रोचार कर विधिपूर्वक पारणा कराया गया। तपस्वियों को चांदी की थाली, कटोरी, गिलास में शुद्घ द्रव्यों से निर्मित खीर, प्रासुक जल और सत्रह आयुर्वेदिक जडी़-बूटियों से बनाया गया काढा़ पिलाकर पारणा कराया गया। इस ऐतिहासिक पारणा महोत्सव और क्षमावाणी पर्व के शुभ अवसर पर हजारों की संख्या में उपस्थित जनमेदिनी को सम्बोधित करते हुए मृदुभाषी, मधुर कन्ठ के धनी अन्तर्मना मुनि प्रसन्न सागर ने कहा कि भूल से घबराईए मत ‘‘ भूल उन्हीं से होती है जो कुछ करने की सोचते है। मैं तुमसे कहता हूं. गलती करो, गलतियां करो’’….सौ बार करो…..हजार बार करो, बस ध्यान रहे कि एक गलती दुबारा मत करो।
मुनिश्री ने कहा कि मैं आपसे बहुत करुणा से कह रहा हूं कि आप हाथ जो$डकर क्षमा मांगना, पैर पकड़कर क्षमा मांग लेना। कितने-कितने लोगों से तुम्हारी दुश्मनी है, वैर विरोध है। गलतियां सबसे होती है। गलती करना अपराध नहीं, लेकिन गलती को स्वीकार नहीं करना बडा़ अपराध हैं। अंतर्मना संत ने कहा- गुण अवगुण, अच्छाई बुराई, राग द्वेष, पुण्य-पाप से सेवक साथ चलते हैं दोनों पूरक हैं।
अन्तर्मना रजत वर्षा योग समिति के प्रचार-प्रसार मन्त्री महावीर प्रसाद भाणावत ने बताया कि 32 और 16 उपवास की तप आराधना करने वाले तपस्वियों का पारणा 21 सितम्बर को अन्तर्मना सभागार में प्रात: 8.30 बजे मुनिश्री के सानिध्य में होगा। आज के पारणा महोत्सव की व्यवस्था पाश्र्वनाथ क्रांति मंच द्घारा सुचारु रुप से की गई। जुलुस व्यवस्था आदिनाथ युवामंच के सदस्यों द्घारा शानदार तरीके से की गई। सकल दिगम्बर जैन समाज के महानुभावों द्घारा टाउन हॉल में आयोजित स्वामी वात्सल्य का लाभ उठाया गया।